Book Title: Pooja Sangraha Part 1
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Jainoday Buddhisagar Samaj Sanand
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
॥अथः॥
॥वास्तुकपूजा प्रारंभः॥
उहा. श्री संखेश्वर पार्श्वनाथ, त्रेवीसमा जिनराय; धरणें पद्मावती, पूजे जेहना पाय ॥१॥ पार्श्व यद जस शोन्नतो, सेवा करे चित्तलाय; पुरिसादाणीपार्श्वनाथ, ध्यातां शिवसुख थाय॥ वास्तुकपूजा घरतणी, करतां सुख विशाळ; रूहि वृद्धिसुख संपजे, होवे मंगळमाळ ॥३॥ पंच पंच वस्तुथकी, संखेश्वर प्रभु पास, पूजोत्नवि नावे करी, सफळ होवे मन आश॥ चिंतामणि सम पार्श्वनाथ, पार्श्वमणिसम नाम: ध्यातां गातां प्राणीनां, लिइ सघळां काम ॥५॥
(मलिजिन बंदीए नवि जावेरे.-ए राग.) संखेश्वर पास प्रभु नित्य गावोरे, शाश्वत शि
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71