________________ 208] नित्य नियम पूषा श्रीगिरनार शिखर विख्यात कोड़ि बतत्तर अरु सौ सात / सम्बु प्रदुम्न कुमर द्वै भाय, अनिरुध आदि नमूतमु पाय 5 रामचन्द्र के सुत द्वै वीर, लाड़ नरिन्द्र आदि गुणधीर / पांच कोड़ि मुनि मुक्ति मँझार, पावागिरि बन्दौं निरधार 6 पांडव तीन द्रविड राजान,आठ कोड़ि मुनि भकति पयान / श्रीशत्रुजय गिरिके शीस, भाव-सहित वन्दौं विश दीस / / 7 जे बलभद्र मुकतिमें गये, आठ कोड़ि मनि औरहु भये / श्रीगजपंथ शिखर सुविशाल,तिनके चरन नमू तिहुँ काल / 8 राम हण सुग्रीव सुडील, गव गवाख्य नील-महानील / कोड़ि निन्याणवै मुक्ति पयान,तुगीगिरी वन्दौं धरि ध्यान 9 नंग अनंग कुमार सुजान, पांच कोड़ि अरु अर्घ प्रमान / मुक्ति गये सोनागिरि सीश, ते वन्दौं त्रिभुवन पति ईश 10 रावणके सुत आदि कुमार, मुक्ति गये रेवा तट सार / कोटि पंच अरु लाख पचास,ते वन्दौं धरि परम हुलास // 11 रेवा नदी सिद्धवर कूट, पश्चिम दिशा देह जहँ छुट / है चक्री दश कामकुमार, ऊठ कोड़ि वन्दौं भव पार 12 बड़वानी बड़नयर सुगंग, दक्षिण दिशि गिरि-चूल उतंग। इन्द्रजीत अरु कुम्भ जु कर्ण, ते बन्दौं भवसायर तर्ण / / 13 सुवरण भद्र आदि मनि चार,पावागिरि वर शिखर मंझार। चेलना नदी तीरके पास, मुक्ति गये बन्दौं नित तास / 14