Book Title: Nitya Niyam Puja
Author(s): Digambar Jain Pustakalay
Publisher: Digambar Jain Pustakalay

View full book text
Previous | Next

Page 245
________________ 236 / नित्य नियम पूजा प्रभु मुनिसुव्रत महिमा अपार,हम अल्प बुद्धि किसविध गाये। हम शरण तुम्हारी आये हैं संकट अनिष्ट सब मिट जाय / प्रभु आज तुम्हारी पूजा हम, नहि शास्त्रविधिसे करपाये / अज्ञान समझ प्रभु क्षमा करो, हम भक्ति भावसे आये है / भव भ्रमण नही मिटता जबतक प्रभुसाथ आपका बनारहे। बनु मुक्तिपथका 'राही' यह भाव सदा ही बना रहे। ॐ ह्रीं श्री मुनिसुव्रत जिनेन्द्राय जयमाला सहित अर्घ नि स्वाहा दोहातीर्थकर प्रभु विसवे, श्री मुनिसुव्रत नाथ / करु आरती अघ, चरण नवाऊँ माथ / / पैठण में विराजित आप कच्छवा चिन्ह सुहाय / बार बार विनवू सदा, हम पर होवू सहाय / जो भविजन पूजन करे, मनवांछित फलपाय / सुख संपति संपति लहे, क्रमशः शिवपुर जाय / / ___ इत्याशीर्वाद पुष्पांजलि क्षिपेत / -Xभ. मुनिसुव्रतनाथकी आरती (चाल-ॐ जय जगदीश हरे। ॐ जय मुनिसुव्रत स्वामी, प्रभुजय मुनिसुव्रत स्वामी / भक्ति भावसे प्रणमू, जय अंतरयामी // ॐ जय मानसुव्रत स्वामी // 1 //

Loading...

Page Navigation
1 ... 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258