Book Title: Nirgrantha-3
Author(s): M A Dhaky, Jitendra B Shah
Publisher: Shardaben Chimanbhai Educational Research Centre

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Page 322
________________ Vol. III- 1997-2002 छन्द-दृष्टि से दशाश्रुतस्कन्धनियुक्ति... २७७ १०. कान्ति (३) ९३, ९४, १०६ । ११. महामाया (३) ३१, ९५, १०० । १२. उद्गाथा (८) २, ३, १७, २३, ४६, ५२, ७३, १२८ । १३. अन्य (३) १८. हुस्वानामपि गुरुत्वम् इति अभिप्रायो वा; छन्दोमञ्जरी-कर्ता गङ्गादास, व्याख्याकार डॉ. ब्रह्मानन्द त्रिपाठी, चौखम्बा सुरभारती, ग्रन्थमाला ३६, चौखम्बा सुरभारती प्रकाशन, वाराणसी १९७८, पृ. ९ । १९. W. B. Bolee, The Nijjuttis on the seniors of the Svetāmbara Siddhānta' फैज स्टेनर वाग, स्टुअर्ट १९९५, प्रस्ता., पृ. ६ । Jain Education Interational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org/

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