Book Title: Nirgrantha-3
Author(s): M A Dhaky, Jitendra B Shah
Publisher: Shardaben Chimanbhai Educational Research Centre

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Page 383
________________ Jain Education Interational ३३८ लब्धिसागरसूरि धनरत्नसूरि सौभाग्यसागरसूरि अमररत्नसूरि तेजरत्नसूरि देवरत्नसूरि मुनिसिंह विजयसुन्दर भानुमेरुगणि उदयधर्म जयरत्न राजसुन्दर नयसिंहगणि नयसुन्दर जयदेव देवसुन्दरसूरि लावण्यरत्न वि. सं. १६३७ प्रशस्तिलेख भानुमंदिर उदयसौभाग्य (वि. सं. १५९१में भानुमंदिरशिष्य हैमप्राकृतढ़िका (वि. सं० १६१२में के कर्ता) देवकुमारचरित्र के कर्ता) सौभाग्यसूरिशिष्य (वि. सं. १५७८में चम्पकमालारास के कर्ता) For Private & Personal Use Only शिवप्रसाद विजयसुन्दरसूरि ज्ञानरत्न भुवनकीतिसूरि विद्यारत्न पद्मसुन्दर साध्वीहेमश्री लावण्यदेव (कर्मविवरणनो रास के कर्ता) लब्धिचन्द्रसूरि जयसुन्दर रत्नकीतिसूरि कनकसुन्दर भगवतासूत्रबालावबाध वि. स. १६१८-१६६९ के कर्ता के मध्य रचित विभिन्न विनयचन्द्रसूरि रत्नसुन्दर सुमतिविजय वि. सं १६६२-१७०३ रचनायें उपलब्ध के मध्य रचित अनेक कृतियाँ धरचन्द्रसूरि विवेकसुन्दर उपलब्ध __ रात्रिभोजनरास वि० सं० १७२३, उदयचन्द्रसूरि सहजसुन्दर सुखसुन्दर गुन्दर रत्लकीर्तिसूरिचउपई वि० सं० १७४९ आदि के कर्ता जयचन्द्रसूरि वि. सं. १७३९में कल्पसूत्रसुबोधिका के प्रतिलिपिकार Nirgrantha www.jainelibrary.org

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