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दिनांक २४-९-६०
प्रवचन न ३
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वस्तु व ज्ञान सम्बन्ध
१. अल्पज्ञता की बाधकता पक्षपात व एकान्त, २. वस्तु अनेकागी है, ३. विश्लेषण द्वारा परोक्ष ज्ञान, ४. परोक्ष ज्ञान का ज्ञान पना, ५. कुछ शब्दों के लक्षण ।
जीवन नाम है ज्ञान का क्योंकि मै ज्ञान के प्रकाश के अतिरिक्त
१. अल्पज्ञता की
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और कुछ नही हूँ । यह बाहर में दिखने वाला रूप तो वास्तव मे मेरा नहीं है । मैं तो अन्तर बाधकता पक्ष- मे प्रकाशमान चैतन्य तत्व हूँ । इसलिये जीवन पात व एकान्त के भार का कारण वास्तव में ज्ञान का भार ही है । ज्ञान का भार क्या है ? ज्ञान का भार है ज्ञान में पड़ी अस्वाभाविक खेचातानी जिसे पक्षपात या एकांत कहते है । इस खेचातानी का कारण क्या है ? इसका कारण है वर्तमान अल्पज्ञता या ज्ञान हीनता । क्योंकि यह पक्षपात उन्ही विषयो के
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