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जीव कहे क्या करना है
जीव कहे क्या करना है, जीव कहे क्या करना है हर पल, हर क्षण, जिनवाणी को समझ, अंतर में विश्वास ही तो करना है, जीव कहे क्या करना है
जीव कहे क्या करना है, जीव कहे क्या करना है हर पल, हर क्षण, पर द्रव्य से, पर द्रव्य के भाव को ही मुझसे पराया करना है. जीव कहे क्या करना है
जीव कहे क्या करना है, जीव कहे क्या करना है हर पल, हर क्षण होते भावों में अज्ञान को जान निज ज्ञानस्वरूप को ही जानना है, जीव कहे क्या करना है
जीव कहे क्या करना है, जीव कहे क्या करना है हर पल, हर क्षण, सात तत्त्वों का जैसे हैं वैसे ही मान सही श्रद्धान ही तो करना है, जीव कहे क्या करना है