Book Title: Moksh Marg me Bis Kadam
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Arunoday Foundation

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Page 67
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ■ मोक्ष मार्ग में बीस कदम ईर्ष्यालु को दुश्मन भले ही छोड़ दे - माफ कर दे; परन्तु स्वयं ईर्ष्या उसे नहीं छोडतीउसका सर्वनाश करके ही वह दम लेती है । ईर्ष्या एक ऐसा रोग है, जिसका कोई अन्त नहीं होता- कोई इलाज नहीं होता-कहा य ईर्ष्याः परिवित्तेषु रूपे वीर्ये कुलान्वये । सुख-सौभाग्य-सत्कारे तस्य व्याधिरनन्तकः ।। Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - विदुरनीतिः [ जो व्यक्ति दूसरों के धन, रूप, शक्ति, वंश, सुख, सौभाग्य और सत्कार पर ईर्ष्या करता है (जलता है) उसका रोग अनन्त ( असाध्य ) है । ] लक्ष्मी की बहिन है - दरिद्रता । ईर्ष्या से मनुष्य दरिद्र क्यों होता है ? इसका कारण बताते हुए सुप्रसिद्ध विचारक तिरुवल्लुवर कहते हैं : "लक्ष्मी ईर्ष्यालु के पास नहीं रहती । ईर्ष्यालुको वह अपनी बहिन दरिद्रता के हवाले कर देती है ।" यद्यपि दरिद्रता कोई नहीं चाहता; परन्तु उसे पैदा करने वाली ईर्ष्या को छोड़ने के लिए भी कोई तैयार नहीं होता । ईर्ष्या लोगों की आदत बन गई है। अगर एक व्यक्ति को सरकार की ओर से कोई पुरस्कार या पदक अथवा पद मिल जाता है तो दूसरे उससे जलने लगते हैं। यदि एक व्यापारी कुछ अधिक कमाई कर लेता है तो पड़ौसी दूकानदार जलभुन कर राख बन जाता है। यदि देवरानी और जेठानी में से किसी एक का जेवर खो जाय अथवा चोरी चला जाय तो दूसरी अपने जेवर के लिए नहीं रोती; किन्तु इस विचार से रोती है कि- अरे रे ! उसका क्यों रह गया ? वह क्यों नहीं गुमा ? उसे चोरने क्यों छोड़ दिया ? ६० एक आदमी गुलाब के फूलोंको खरल में पीस रहा था। किसी दार्शनिक ने पूछा :- “यह किस अपराध का दण्ड दिया जा रहा है आपको ?" एक फूलने उत्तर दिया :- "भाई साहब ! दुनिया बड़ी ईर्ष्यालु है। उससे हमारा हँसनामुस्कुराना देखा नहीं गया; इसलिए हमें पीस रही है, किन्तु हम तो पहले जब जीवित थे, तब भी दूसरों को अपनी खुशबू दे रहे थे, आज भी इस पीसने वाले को खुशबू दे रहे हैं और भविष्य में इत्र बनने पर भी खुशबू देते रहेंगे !" एक कहावत है :- "देने वाला देता है और भंडारी का पेट दुखता है।" यदि मालिक स्वयं अपना धन दान करता है तो इसमें भंडारी को दिल छोटा करने की क्या जरूरत है ? उसे क्यों बुरा लगना चाहिये ? ईर्ष्यालु स्वभाव ही उसका एक मात्र कारण है। For Private And Personal Use Only

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