Book Title: Moksh Marg me Bis Kadam
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Arunoday Foundation

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Page 167
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org १६० ● मोक्ष मार्ग में बीस कदम ■ सब प्रकार के ज्ञान के प्रकाश से अज्ञान एवं मोह की वर्जना (त्याग) से तथा राग-द्वेष के क्षय करने से ऐसा मोक्ष प्राप्त होता है, जिसमें एकान्त सुख है अर्थात् अनन्त सुख है - दुःख है ही नहीं । मोक्ष अवस्था में आत्मा का एकान्तिक व आत्यन्तिक सुख रहा हैं । क्रमशः मोक्ष मार्ग के अनुसार आगे बढ़ें और निरन्तर उन्नति करते रहें। यदि लक्ष्य (मोक्ष) पाने की सच्ची इच्छा है तो वह मिलेगा ही । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हजार नाकामियाँ हों "नश्तर" हजार गुमराहियाँ हों लेकिन । तलाशे मंजिल अगर है दिल से तो एक दिन लाजिमी मिलेगी । 卐 For Private And Personal Use Only

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