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● मोक्ष मार्ग में बीस कदम ■
सब प्रकार के ज्ञान के प्रकाश से अज्ञान एवं मोह की वर्जना (त्याग) से तथा राग-द्वेष के क्षय करने से ऐसा मोक्ष प्राप्त होता है, जिसमें एकान्त सुख है अर्थात् अनन्त सुख है - दुःख है ही नहीं । मोक्ष अवस्था में आत्मा का एकान्तिक व आत्यन्तिक सुख रहा हैं ।
क्रमशः मोक्ष मार्ग के अनुसार आगे बढ़ें और निरन्तर उन्नति करते रहें। यदि लक्ष्य (मोक्ष) पाने की सच्ची इच्छा है तो वह मिलेगा ही ।
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हजार नाकामियाँ हों "नश्तर" हजार गुमराहियाँ हों लेकिन । तलाशे मंजिल अगर है दिल से तो एक दिन लाजिमी मिलेगी ।
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