Book Title: Moksh Marg me Bis Kadam
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Arunoday Foundation

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Page 127
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - मोक्ष मार्ग में बीस कदम । चार मित्र थे। पूना की टिकट लेकर वे गुजरात जाने वाली गाड़ी में बम्बई सेन्ट्रल से बैठ गये। गाड़ी चल पडी। दादर स्टेशन पर टी.टी. ने टिकिट माँगी। एक की टिकिट पर पूना लिखा देखकर उस ने कहा :- “आप की टिकिट गलत है या आप गलत गाडी में सवार हो गये हैं।" दूसरे मित्र का टिकिट देखी, उसपर भी पूना लिखा था। उसे भी टी.सी. ने यही कहा। इसपर पहला चिल्लाया- "You are wrong! Get out." तीसरे की टिकिट पर भी पूना लिखा था। उसने टी.सी. की बात सुनने से पहले ही कहाः "I have my ticket. You are without ticket. So you must get out or sit dawn." चौथे ने अपने टिकिट पर पूना पढ़ कर स्वयं ने ही टी.सी. से कहा :- “आप किस दुनिया से पधारे हैं ? दिल्ली का राज्य भी आजकल बहुमत के बल पर चल रहा है। यहाँ हम चारों पूना के टिकिट पर पूना जा रहे हैं; इसलिए यह गाड़ी भी पूना ही जायगी। आप अकेले के कहने से यह गाडी गलत नहीं हो सकती।'' "So we are right and you are wrong." धर्म में आचरण देखा जाता है, बहुमत नहीं। खूब समझने जैसी बात हैं यह। १२० For Private And Personal Use Only

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