Book Title: Maharaj Vikram Author(s): Shubhshil Gani, Niranjanvijay Publisher: Nemi Amrut Khanti Niranjan Granthmala View full book textPage 9
________________ PAIRS [vટમ તીર્થક2) प्रथम तीर्थकर भगवान श्री आदिनाथ / 40 रोचनीय कलामय चित्र सहित, प्रथमावृत्ति अति अल्प समयमें खतम हो जाने के कारण ..d.av.. द्वितीयावृत्ति मुद्रित की गई है। जिसमें परमात्मा ऋषभदेव के समयमें हुए युगलिये कैसे थे, उस समय जनता व्यवहारसे अनभिज्ञ थी, उन लोकों को परमात्मा श्री ऋषभदेवने कौनसी 2 कलाएँ शिखाई, उनमें धर्मका प्रभाव और प्रचार किस तरह किया, उन के पूर्वभव भी अच्छी तरह बतભગવાન આદિનાથા लायें, उनके पुत्र परिवार भरत, बाहुबलि - आदिका रोचनीय वर्णन और अक्षयतृतीया पर्वकी उत्पत्ति किस कारण से हुई, यह सब वृत्तान्त आपको अच्छी और सरल भाषामें बोधदायक सुहावने चित्रोंके साथ पढने के लिये प्रकाशित किया है। पृष्ठ 272, 40 चित्र, मूल्य मात्र 2-8-0 - शिशु बोध सोपान ग्रंथावली का-सोपान पाँचवा __ मौन एकादशी का महिमा याने मुव्रत शेठ (सचित्र) . मौन एकादशी पर्वका स्वरूप और इस पर्वका आराधन दृढता पूर्वक करनेवाले सुत्रत शेठ का कथानक इस किताबमें सरल भाषामें दीया गया है, प्रासंगिक सुंदर चित्र 14 दिये गये है, मूल्य मात्र 0-9-0 . प्राप्तिस्थानः-जसवंतलाल गिरधरलाल शाह ... 1238 रुपासुरचंद की पोल, अमदावाद Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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