Book Title: Kumarpal Pratibodh Prabandh
Author(s): Mafatlal Zaverchand Gandhi, 
Publisher: Mafatlal Zaverchand Gandhi

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Page 8
________________ कुमार AA ॥४॥ प्रतिबोध सामान्य बाळजीवोने धर्ममार्गे लाववामां ऊत्सवो अने पर्वोनो फाळो किंमती छे. ऊद्यापन, अट्ठाईमहोत्सव, प्रबंध अने नोकारशी विगेरे धर्मप्रभावक कार्यों सामान्य जनताने धर्ममार्गे वाळनार छे. कारणके आवे प्रसंगे हजारो मानवो धर्मनी अनुमोदना करी बोधिवीज पामे छे, अने धर्ममां द्रढ बने छ. आ ऊद्यापन महोत्सव साधारण न हतो तेमज ते कोई एक व्यक्तिके कुटुंबनोज होय तेम पण श्रीसंघे ते लागवा दीधुं न हतुं. कारणके गामे पोताना गामनो महोत्सव वधु सुंदर दीपे। ते माटे खुबज जहमत अने तैयारी करी हती. आ प्रसंगे हाथी.निशान, पालखी, बेन्ड विगेरे मंगाववामां आव्यां हतां, तेमज ते अवसरे आठे दिवस वरघोडा, नोकारशी विगेरे करवामां आव्यां हतां, अने दशहजार जेटलां भाविक नरनारीओ पोताना आत्माने पावन करवा एकठा थयां हता. आ ऊद्यापनमहोत्सव आजे पण सौने याद आवे तेवी तेनी अपूर्वता अने जाहोजलालीपूर्वक उजवायो हतो आथीज तेना स्मरणनिमित्ते जेठ सुदि ३ ना रोज नंदादेना सुपुत्रो तरफथी दरवर्षे नोकारशी करवामां आवे छे. आ प्रमाणे ऊद्यापन करीने आ प्रदेशमा जैनशासननी ऊन्नति सारामां सारी करी हती.. आ ऊद्यापन महोत्सव उपरांत नंदादेए धर्ममार्गे पण पोतानी शक्तिमुजब सद्व्यय करवामां कमीना नथी राखी, आखरे पोतानी वृद्धावस्थाए पहोचतां ७५ वर्षनी ऊमरे संवत् १९९५ ना चैत्र महिनामां पोतानी पाछळ बहोळो परिवार मुकी स्वर्गवास पाम्यां, स्वर्गवास वखते तेमनी विचारपरिणति देवगुरु अने धर्ममां स्थिर हती. कारणके तेमनुं आ जीवन दान, शीयल, तप अने भावधर्मनी आराधना साथे परोपकार अने नीतिपरायण हतुं. जोके ते परोपकारशील नंदादे आजे चाल्यां गयां छतां तेमना गुणोने आजे तेमनुं कुटुंब अने आखंगाम संभारी तेमना जीवननी अनुमोदना करे छे. Jain Edi n ternational For Personal & Private Use Only www illrary.org

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