Book Title: Khartargacchacharya Jinmaniprabhsuriji Ko Pratyuttar Author(s): Tejas Shah, Harsh Shah, Tap Shah Publisher: Shwetambar Murtipujak Tapagaccha Yuvak Parishad View full book textPage 5
________________ core अनुक्रमणिका ......... ....... 1. भूमिका 2. अवन्ति पार्श्वनाथ तीर्थ का संक्षिप्त इतिहास... 3. अवन्ति पार्श्वनाथ तीर्थ विषयक प्रत्युत्तर .... 4. अवन्ति पार्श्वनाथ तीर्थ पुनः प्रतिष्ठा विषयक भ्रम का खंडन .......... 5. श्रमण संमेलन विषयक जवाब . 6. परिशिष्ट 1 श्रमण संमेलन के समय आ. मणिप्रभसूरिजी द्वारा लीखा गया पत्र एवं पत्रिका में दीया गया दुःखद लेख. .............. 41 परिशिष्ट 2 अवन्ति पार्श्वनाथ प्रतिष्ठा के समय श्री तपागच्छीय प्रवर समिति के पत्र परिशिष्ट 3 अवन्ति पार्श्वनाथ प्रतिष्ठा विषयक तीर्थ ट्रस्ट द्वारा जवाब............... परिशिष्ट 4 अवन्ति पार्श्वनाथ प्रतिष्ठा विषयक शेठ आणंदजी कल्याणजी पेढी का पत्र.. ............ 51 10. परिशिष्ट 5 गच्छाधिपति दोलतसागरसूरिजी की आज्ञा........... 11. परिशिष्ट 6 अवन्ति पार्श्वनाथ प्रतिष्ठा विषयक कार्यवाही.. 12. परिशिष्ट 7 खरतरगच्छ श्रमण संम्मेलन गीत 13. परिशिष्ट 8 अवन्ति पार्श्वनाथ तीर्थ विषयक पत्रीका में गलत वर्णन................Page Navigation
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