Book Title: Khartar Gacchha ka Bruhad Itihas
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 520
________________ कुमुदश्री . ११० कल्याणसागर पं० [कीर्तिरत्न०] ३५०, ३५१ कीर्तिविलास २१३ कल्याणसागर ३७४, ३७५ कीर्तिविलास [क्षेम०] ३२८ कल्याणहर्ष २३८ कीर्तिसागर २१७ कस्तूरचन्द [आचार्य०] ३०३ कीर्तिसागर [आचार्य०] ३०३ कानजी वा० [क्षेम०] ३३४ कीर्तिसागर [कीर्तिरत्र०] ३५० कांतिमुनि ३८४, ३९३, ३९८ कीर्तिसागर ३७४, ३७८ कान्तिसागर मुनि २६३, ३५०, ३६९, ३८० कीर्तिसागरसूरि २७० कान्हजी [कीर्तिसुन्दर] [जिनभद्र०] ३४३, ३४४ कीर्तिसार [जिनकृपाचन्द्रसूरि] ३७६ कालूगणि [तेरापंथ] ३६९ कीर्तिसुन्दर [जिनभद्र०] ३४२ काशीदास उ० [आचार्य०] ३०३ कीर्तिसूरि [आचार्य०] ३१८ काष्ठजिह्वा स्वामी [वैदिक सन्त] ३२४ कुमारगणि १३६ किरणकुमारी [शशिप्रभाश्री] ४१८ कुमुदचंद्र १२५, १३१ किशनोजी वा० [आद्य०] २९१ कुमुदलक्ष्मी १४५, ४०४ किशोरचंद [आचार्य १२५, ४०२ जिनकीर्तिसूरि का नाम] २९९ कुलचन्द्र किशोरचंद पं० [सागरचन्द्र०] ३३९ कुलतिलक १२६ कीकी [सा०] १९४ कुलतिलक गणि २९३ कीर्तिकलश गणि १२५ कुलतिलक [सागरचन्द्र०] कीर्तिकुशल [आचार्य०] ३०३ कुलधर्मा १८९,४०६ कीर्तिचन्द्र मु० वा० १११, ११७ कुलभूषण १३१ कीर्तिनिधान [आचार्य०] ३०३ कुलमण्डनसूरि [अन्य ग०] कीर्तिमण्डल १३१ कुलवर्धन २१९ कीर्तिमेरु पं० [सागरचन्द्र०] ३३८ कुलश्री गणिनी १२५, ४०२ कीर्तिरत्नसूरिशाखा ३३६, ३४८ कुशलकीर्ति [जिनकुशलसूरि] १५०, १६०, कीर्तिरत्नसूरि २१७, २१८, २१९, २५६, १६४, १६८, १६९, ४०५ २८२, ३४९, ३७६ कुशलचन्द्र १२५ कीर्तिराज उ० २१८,३४० कुशलचन्द्र उ० ३२४ कीर्तिराज [कीर्तिरत्नसूरि] ३४८ कुशलचन्द्रसूरि [दिग्मंडला०] कीर्तिवर्धन ३८१ कुशलधीर २२२ कीर्तिवर्धन [कुशलो] वा० [आचार्य०] ३०३ कुशलनिधान [क्षेम०] कीर्तिविजय पं० [सागरचन्द्र०] ३३९ कुशलमुनि ३९७, ३९८ कीर्तिविजया [सा०] ३०९ कुशलविनय वा० [क्षेम०] ३३३ ३३७ ३८ ३२४ ३३१ (४३०) परिशिष्ट-४ Jain Education International 2010_04 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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