Book Title: Khartar Gacchha ka Bruhad Itihas
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 522
________________ १२ २३५ . खरहत्थ [जिनधर्मसूरि] खींवोजी [क्षेम०] खुशालचंद [उपा० क्षमाकल्याण] खुशाल [क्षेम०] खुशालचन्द पं० [क्षेम०] खुस्यालचंद [आचार्य०] खेतसी खेतसी [जिनसिंहसूरि] खेतसी [जिनराजसूरि] खेमचन्द [आचार्य०] खेमराजगणि [क्षेम०] गंगादास [कीर्तिरत्न०] गंगाराम वा० [क्षेम०] गंगाराम [जिनभद्र०] गच्छकीर्ति गच्छवृद्धि गजकीर्ति गजमुनि गजसार गजसुकुमाल गजेन्द्रबल गणदेव गणपति [उपकेश ग०] गणेशचन्द्र [जिनधरणेन्द्रसूरि] गतमोह गम्भीरचन्द पं० [क्षेम०] गंभीरमुनि गयवरमुनि गिरधारी [सागरचन्द्र०] गिरधारीलाल [गिरिवर मुनि] गीताकुमारी [ज्ञानश्री] गुणकल्याणगणि वा० [सागरचन्द्र०] २९८ गुणकीर्ति ३३४ गुणचन्द्र [दिग्मम्०] ३२५ ३५३ गुणचन्द्र ३३३, ३३४ गुणचन्द्र ३६५, ३७४ ३३४ गुणचन्द्रगणि [देवभद्रसूरि] ३७, ४७ ३०५ गुणचन्द्र गणि ५४, ५८, ५९ २३२ गुणचन्द्र भांडा० गणि ६४ २३३ गुणचन्द्रसूरि २६१, २६२ २३५ गुणधर ३०३ गुणनदन वा० [सागरचन्द्र०] ३३६, ३३७ ३३२ गुणप्रभ उ० २६२ ३५१ गुणप्रभसूरि [बेगड़०] २२३ ३३४ गुणप्रभसूरि [मधु०] २६० ३४२ गुणप्रभसूरि [आद्य०] २८९ १३९ गुणप्रमोदगणि वा० [कीर्तिरत्र०] ३४९ १२९, ४०३ गुणभद्रगणि वा० ५४ १२८ गुणभद्र गणि १२० ३९८ गुणमुनि ३८३, ३९८ २२० गुणरत्न २२२ २८६ गुणरत्न [कीर्तिरत्र०] ३५० १३१ गुणरत्नसूरि [कीर्तिरत्न०] २१८, ३४८, ३४९ गुणरत्नाचार्य २८३ गुणलाभ [पिप्पलक०] २८५ ३२२ गुणवन्त ३५७, ३७४ १२८ गुणवर्धन ५४ ३३४ गुणवर्धनगणि वा० [क्षेम०] ३३२, ३३३ ३९८ गुणवर्धन वा० [सागरचन्द्र०] ३३७ ३९८ गुणविनय [मु० ग० उ० महो०] ५३, २२७, २२८, ३३९ ३२७, ३२८, ३३२ ३८५ गुणशील वा० ४१२ गुणशेखर १२७, १२९ ३३८ गुणशेखर [जिनभद्र०] ३४१ ८६ १११ (४३२) परिशिष्ट-४ ___Jain Education International 2010_04 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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