Book Title: Khartar Gacchha ka Bruhad Itihas
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy
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१२७
१२६
६५
संघतिलकसूरि [रुद्र०] २६२, २६४ समयमूर्ति [सागरचन्द्र०]
३३७ संघप्रमोद १२६ समयराज उपा०
२३१, ३०२ संघभक्त
१३० समयसुन्दर मुग०उ०महो० ३६, २११, २२६, संघहितमुनि उपा०
१२६ २२७, २२८, २३१, २३४, २३५, २७६, २९७, २९८, संविग्नपक्ष
३५३ ३०२, ३०३, ३०४, ३०५, ३०७, ३३६, ३५२ संयमश्री
१११, ४०१ समयसुन्दर गणि [क्षेम०] ३२९, ३३२ संवेगदेवगणि [अन्य ग०] ३६ समर्थ [सागरचन्द्र०]
३३७ सकलकीर्ति [सागरचन्द्र०]
३३८ समाधिशेखर सकलचन्द्रगणि २३१, ३०२ समीरमल [सत्यनन्दन]
३३६, ३३७ सकरमल [आद्य०] २९१ समुद्रसोम [कीर्तिरत्न०]
३५० सकलहित [मुनि] १२९ सम्यक्रत्नसागर
३७३, ३७५ सज्जनश्री प्र० ३६४, ४१२, ४१५ सरस्वती
५४,४०१ सत्यधीर गणि वा० [सागरचन्द्र०] ३३८ सर्वज्ञभक्त सत्यनन्दन [सागरचन्द्र०] ३३६ सर्वदेव गणि
९,४० सत्यमाला गणिनी १२४, ४०२ सर्वदेवसूरि
१११, ११७, १२४, १३५ सत्यरुचिगणि उ० [जिनभद्र०] ३४५, ३४६ सर्वदेवाचार्य सत्यविनय [जिनभद्र०]
३४७ सर्वराज गणि, वा० १३१, १३७, १४९, १७० सदानन्द उ० [क्षेम०]
३३४ सवाई विजय वादीन्द्र [जिनरंग०] ३१२ सदाराम मुनि [क्षेम०]
३३३ सहजकीर्ति वा० महो० [क्षेम०] ३२७, ३२८, सभारत्न [जिनभद्र०] ३४४
३३२, ३३४ समयकलश [सागरचन्द्र०] ३३७ सहजज्ञान
२१० समयकीर्ति २३२ सहजविमल [आचार्य०]
३०३, ३०४ समयकीर्ति [आद्यपक्षीय]
२९१ सहजहर्षगणि [क्षेम०] समयकीर्तिगणि वा० [कीर्तिरत्न०] ३४९ सहजानंद
३९२, ३९३ समयधीर वा० [क्षेम०] ३३४ सहदेव गणि
८, ९, १३ समयध्वज [लघुशाखा] २६७ सहदेव
११०, ४०० समयध्वज [जिनभद्र०]
३४१ सहोजी पं० [क्षेम०] समयनन्दि वा० [सागरचन्द्र०]
३३८ सांवल वा० [क्षेम०] समयनिधान [आचार्य०] ३०३ साकरचन्द [क्षेम०]
३३४ समयप्रभ उपा० [जिनभद्र०]
३४० सागरचन्द्र
२११, २१२, २१६ समयप्रमोद २३१ सागरचन्द्र [बेगड़०]
२७४ समयभक्त [सागरचन्द्र०]
३३६, ३३७ सागरचन्द्रसूरि [ आचार्य] २१७, २८०, ३३६, ३३७
३३२
३३४ ३३४
(४५९)
खरतरगच्छ का बृहद् इतिहास Jain Education International 2010_04
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