Book Title: Khartar Gacchha ka Bruhad Itihas
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 538
________________ १८५ ३३७ २९० ३४२ भुवनधीर २२२ मणिभद्र पं० ग० वा० ४९,६४ भुवनतिलक १४९ मणिरत्नसागर ३७३, ३७५ भुवनतिलकसूरि ३६५ मणिसागर उ० ३६२, ३७४, ३७७, ३८७, ४१५ भुवनभक्ति पं० [क्षेम०] ३३५ मतिकुमार पा० ३१२ भुवनमूर्ति १५७ मतिकीर्ति गणि [क्षेम०] ३२७, ३२८, ३३२ भुवनमेरु २३१, २३२ मतिचन्द्र १४९ भुवनरत्न २१६ मतिप्रभ भुवनलक्ष्मी १४५, ४०४ मतिरत्न [सागरचन्द्र०] भुवनलाभ २३२ मतिलक्ष्मी [सा०] १५७,४०५ भुवनविजय उ० ३६५ मतिलाभ [जिनभद्र०] ३४१ भुवनविशालगणि [सागरचन्द्र०] ३३८, ३३९ मतिवर्धन [आद्य०] भुवनश्री गणिनी ११७, ४०२ मतिवर्द्धन [जिनभद्र०] भुवनसमृद्धि १६०, ४०५ मतिवर्द्धनसूरि [पिप्पलक०] २८३ भुवनसुन्दरी १४५, ४०४ मतिशीलगणि [जिनभद्र०] ३४५, ३४६ भुवनसोम २२२ मतिसागर २५६, ३७४, ३७८ भुवनसोम गणि [क्षेम०] ३२८, ३३१ मतिसागर [बेगड़०] . २७६, २७७ भुवनसोम [जिनभद्र०] ३४२ मतिसागर [कीर्तिरत्न०] ३५० भुवनहित मु० उ० १५९, २०९ मतिसार वा० [सागरचन्द्र०] ३३८ भुवनहिताचार्य १६६ मतिसुन्दरी २१३ भूरामल [सागरचन्द्र०] ३३७ मतिसेन [जिनभद्र०] भोजकुमार [जिनगुणप्रभसूरि]] २७४ मतिहंस मंगलकलश १४१ मतिहर्ष २३२ मंगलनिधि [सा०] १३१, ४०३ मधुकान्ता [मनोहरश्री] मंगलमति [सा० ग० प्र०] १११, १२५, ४०२ मधुस्मिताश्री ४१७ मंगलश्री ११७, ४०२ मनरूप [आचार्य०] ३०६ मंगलसागर [कीर्तिरत्न०] ३५०, ३७५, ३७८, ३७९ मनरूपजी [जिनमहेन्द्रसूरि] ३१८ मगनश्री २५८, ४०८ मनसुख [आचार्य०] मग्नसागर [कीर्तिरत्न०] ३५० मनहरमुनि मणसिंधुर [क्षेम०] ३३४ मनितप्रभसागर मणिचन्द्र ३२६ मनीषप्रभसागर ३७५ मणिप्रभसागर उ० ३७०, ३७५ मनीषसागर ३७३, ३७५ मणिप्रभाश्री ४१६, ४१८ मनोज्ञसागर ३७०, ३७२, ३७५ ३४१ २२२ ४१७ ३०३ ३९८ ३७५ (४४८) परिशिष्ट-४ www.jainelibrary.org Jain Education International 2010_04 For Private & Personal Use Only

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