Book Title: Khartar Gacchha ka Bruhad Itihas
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy
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मानसिंह [ क्षेम० ] मानसिंह [ जिनभद्र० ]
मानहर्ष [ सागरचन्द्र० ]
मानो [क्षेम० ] मानोदय
मितेशप्रभसागर
मिलापचन्द [ महिमाप्रभसागर ]
मिश्रीमल [ मनोज्ञसागर ]
मीठालाल [ मणिप्रभसागर ] मुक्तावली गणिनी
मुक्तिकमल उ० [जिनभद्र० ]
मुक्तिचन्द्रिका [सा०]
मुक्तिधर्म [क्षेम०]
मुक्तिप्रभसागर
मुक्तिमुनि
मुक्तिरस [ आद्य० ]
मुक्तिलक्ष्मी
मुक्तिवल्लभा
मुक्तिवसन [आद्य०]
मुक्तिशील
मुक्तिश्री
मुक्तिसागर
मुक्तिसुन्दर
मुक्तिसुन्दरी
मुनिचन्द्र वा० ग०
मुनिचन्द्र [उपा०]
मुनिचन्द्रसूरि [ अन्य ग० ]
मुनिचन्द्राचार्य [अन्य ग० ]
मुनितिलक
मुनिप्रभसूरि [ मधु०]
मुनिमेरु उ० [ जिनभद्र० ] मुनिमेरु [सागरचन्द्र० ]
(४५०)
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३३५
३४२
३३८
३३४
३८१
३७५
३७२
३७२
३७१, ४२३
१२५, ४०२
३४७
१५१
३३५
३७०, ३७५
३९८
२९२
१५०, ४०४
१३१, ४०३
२९२
३१८
१५०
३१८, ३७४
२३२
१२७, ४०३ १११, १५०, १७०, २०९
मुनिरंग वा० [ क्षेम० ]
मुनिवल्लभ
मुनिसंघ [ क्षेम० ]
मुनिसिंह
मुनिसोम [जिनभद्र० ]
मुन्नाकुमारी [मणिप्रभाश्री ]
मुरारि [ आचार्य० ]
मूलचन्द [जिनमुक्तिसूरि ]
मूलजी भाई [ भद्रमुनि ]
मेघकीर्ति
३४०, ३४१
३३८
मेघकुमार गणि
मेघजी [ मुक्तिमुनि ]
मेघनंदन [जिनभद्र० ]
मेघनिधान [भाव० ]
मेघमुनि
मेघमूर्ति
मेघरल [आचार्य०]
मेघराजगणि [ जिनभद्र० ]
मेघराज वा० [ क्षेम० ]
मेघविजय [आचार्य० ]
मेघविजय [सागरचन्द्र० ]
मेघसुन्दर
मेघा [ क्षेम० ]
मेघानन्द [कोतवाल मोतीचन्दजी ]
मेरुकलश
मेरुकीर्ति
४९
२८
३६ मेरुकुशल पं० [ क्षेम० ] मेरुतिलक [ जिनभद्र० ] २११ मेरुतुंगसूरि [ अंचलगच्छीय ] मेरुनन्दन मु० ग० मेरुनन्दनोपाध्याय
२६०
मेरुसुन्दर उपा०
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३३४, ३३५
१४२, १५१, २३०
३३५
१५२
३४०
४१८
३०३
३२०
३८९
३०३
१२६
३८९
३४१
२९४
३९०, ३९८
१८९
३०३
३४४, ३४६
३३४
३०३, ३०४
३३८
१४५
३३५
३२३
१४५
३०४
३३५
३४२
३८
२११, २१२, २१५
२८७ ३६, ३४१
परिशिष्ट- ४
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