Book Title: Khartar Gacchha ka Bruhad Itihas
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 533
________________ १२६ धनेश्वरसूरि १३, ३९ धर्ममेरु ग० वा० [क्षेम०] ३३३ धनेश्वरसूरि [बृहद्गच्छीय आचार्य] ३७ धर्मरंग २२० धनेश्वराचार्य __ ३६ धर्मरत्न धरणेन्द्र [जिनधरणेन्द्रसूरि] ३२२ धर्मरत्न [सागरचन्द्रसूरि के शिष्य] ३३७ धर्मकलश १४५, १९८ धर्मरत्नसूरि २१९ धर्मकल्याण गणि [क्षेम०] ३३२ धर्मरुचि गणि ६५, ११२, ११३, ११४, ११५ धर्मकीर्ति १११, १४९, २३२ धर्मलक्ष्मी १५७, ४०५ धर्मकुशल [जिनभद्र०] ३४२ धर्मवर्धन [जिनभद्र०] ३४०, ३४१, ३४२, धर्मचन्द्र ६२ ३४३,३४४ धर्मचन्द्र २११ धर्मवल्लभ ग० वा० २६८ धर्मचन्द्र [बेगड़०] २७८ धर्मविमल २३५ धर्मतिलक ग०वा० १२६, १३१ धर्मविशाल [धर्मानन्द] ३५५, ३५६, ३७४ धर्मदास गणि १६३ धर्मशील मु० ग० ६२, ८७, ४०१ धर्मदास [आचार्य०] ३०३ धर्मशील [क्षेम०] ३३१ धर्मदेव मु० उपा० ८, ९, १३, ४० धर्मशेखरसूरि [अंचलगच्छीय] ३८ धर्मदेव १२०, ४०० धर्मश्री ८६,४०१ धर्मदेवी [सा० प्रव० मह०] ८६, १११, ११२, धर्मश्री १९३, ४०६ ४०१, ४०२ धर्मसमुद्रगणि [पिप्पलक०] २८४ धर्मधीर ग० वा० [कीर्तिरत्न०] ३४९ धर्मसागर मु० ग० ६२, ६५ धर्मनिधानोपाध्याय २३१ धर्मसागर उपा० [तपा०] ३६, ३७, ३९, ५३, धर्मपाल ६२ २२४, २२५, २२९, २३३ धर्मप्रभ १५९ धर्मसिंह [जिनभद्र०] ३४० धर्मप्रभा १५४, ४०४ धर्मसिंह [धर्मवर्धन] [जिनभद्र०] ३४३ धर्ममति १२५, ४०२ धर्मसिंह [आचार्य०] १:३०३ धर्ममंदिर २३२ धर्मसुन्दरगणि वा० [क्षेम] ३३१, ३३३ धर्ममंदिर [आचार्य०] २९८ धर्मसुन्दर पं० [क्षेम०] ३३५ धर्ममंदिर [जिनभद्र०] ३४१ धर्मसुन्दरी १२५, ४०२ धर्ममाला गणिनी १४०, १६०, ४०४, ४०५ धर्मसुन्दरी गणिनी १२५, १२९, ४०३ धर्ममित्र ६२ धर्मसुन्दरी [क्षुल्लिका] १८१, ४०६ धर्ममूर्ति [सा०] १२५ धर्माकर १२६ धर्ममूर्ति ग० वा० १३० धर्मानन्द धर्ममेरु [जिनभद्र०] ३४१ धर्मोदयमुनि [क्षेम०] ३३३ ३५६ खरतरगच्छ का बृहद् इतिहास (४४३) Jain Education International 2010_04 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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