Book Title: Khartar Gacchha ka Bruhad Itihas
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 523
________________ गुणश्री ४२२ ४१६ १२८ गुणशेखरसूरि २६२ चतुर्भुज [आचार्य०] ३०३ ५४, ६२, ४०१ चन्दनकुमारी [सुलोचनाश्री] गुणसमृद्धि [मह०] ४०५ चन्दनबाई [छगनसागर की माता] ३५८ गुणसागर १२५ चन्दनमूर्ति १५७ गुणसागर उ० [बेगड़०] २७६ चन्दनश्री [मह०] १४५,४०४ गुणसागरगणि वा० [सागरचन्द्र०] ३३८ चन्दनश्री [सा०] ४१९ गुणसुन्दरसूरि २६२, २६४ चन्दनसुन्दरी [सा०] १२६,४०३ गुणसेन १२५ चन्दनसुन्दरी [गणिनी] १४५ गुणसेन [सागरचन्द्र०] ३३८ चन्द्रकलाश्री गुणाकरसूरि [रुद्र०] २६४ चन्द्रकीर्ति गणि गुणानन्द ३५५ चन्द्रकीर्ति उपा० वा० [कीर्तिरत्न०] ३४९, ३५१ गुप्तिधर्म [क्षेम०] ३३४ चन्द्रतिलक [उपा०] १२८, १३१, १३९ गुप्तिश्री ४२४ चन्द्रप्रभ १११ गुमानमुनि ३८४, ३९८ चन्द्रप्रभसागर ३७०, ३७२, ३७५ गुमानसागर ३७४ चन्द्रप्रभाश्री ४१६,४१७ गुलाबचंद [आचार्य०] ३०३ चन्द्रमाला गणिनी १२४ गुलाबचन्द पं० [क्षेम०] ३३४ चन्द्रमूर्ति १४५ गुलाबचंद [गुलाबमुनि] ३८५ चन्द्रवर्धन [जिनभद्र०] ३४१ गुलाबमुनि ३८६, ३९०, ३९५, ३९८ चन्द्रश्री ११२, ४०२ गोकल [सागरचन्द्र०] ३३८ चन्द्रसागर गोधू [क्षेम०] ३३४ चन्द्राकुमारी [दिव्यप्रभाश्री] ४१९ गोपाल पं० [क्षेम०] ३३४ चन्द्रोदयगणि [जिनचन्द्रसूरि] २५९ गोविन्दसूरि ३०९ चम्पालाल [पूर्णानन्दसागर] ३७२ गौतमस्वामी [गणधर] १२१, १२२, १२४, १४१, चम्पाश्रीजी [मह०] ४११, ४१८,४१९ १४२, १८१, १८७, १८९ चरणकुमार गौतमचन्द्र ३६५, ३७४ चरणमति ६५ गौतमसागर ३७५ चरणलाभ [जिनभद्र०] ३४१ चक्रेश्वरसूरि ३६ चांणोद गुरांसा ३२३ चतुरनिधान पं० [सागरचन्द्र०] ३३९ चांपोजी वा० [क्षेम०] ३३४ चतुरसागर ३७८ चारित्रउदय [जिनरंग०] ३१३, ३१४ चतुरहर्ष पं० [सागरचन्द्र०] ३३८ चारित्रउदय पं० [कीर्तिरत्न०] ३५१ चतुर्दशीपक्ष [खरतर-मधु० का एक नाम] २६० चारित्रकीर्ति १३९ ३७५ २३२ खरतरगच्छ का बृहद् इतिहास (४३३) Jain Education International 2010_04 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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