Book Title: Kasaypahudam Part 06 Author(s): Gundharacharya, Fulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri Publisher: Bharatiya Digambar Sangh View full book textPage 7
________________ विषय-सूची मङ्गलाचरण १ उत्कृष्ट परिमाण प्रदेशविभक्ति कहनेकी सूचना २ जघन्य परिमाण प्रदेशविभक्तिके दो भेद २ क्षेत्रके दो भेद सूत्रमें आये हुए दो 'च' शब्दोंकी सार्थकता २ रत्कृष्ट क्षेत्र मूलप्रकृतिप्रदेशविभक्ति २-४९ जघन्य क्षेत्र स्पर्शनके दो भेद मूलप्रदेशविभक्ति कहनेके बाद उत्तर उत्कृष्ट स्पर्शन प्रदेशविभक्ति कहनेकी सूचना जघन्य स्पर्शन पुनः प्रदेशविभक्तिके दो भेदोंका कालके दो भेद निर्देश करके मूलप्रदेशविभक्तिके २२ 'उत्कृष्ट काल अनुयोगद्वारोंके साथ शेष अनुयोगद्वारों जघन्य काल का नाम निर्देश अन्तरके दो भेद भागाभागके दो भेदोंका नामनिर्देश उत्कृष्ट अन्तर जीवभागाभागके दो भेद जघन्य अन्तर उत्कृष्ट जीवभागाभागका कथन भाव कथन जघन्य जीवभागाभागका कथन प्रदेशभागाभागके दो भेद अल्पबहुत्व के दो भेद उत्कृष्ट प्रदेशभागाभागका कथन उत्कृष्ट अल्पबहुस्व जघन्य प्रदेशभागाभागका कथन जघन्य अल्पबहुत्व सर्व-नोसर्वप्रदेशविभक्तिका कथन भुजगार प्रदेशविभक्ति २८उत्कृष्ट-अनुत्कृष्ट प्रदेशविभक्तिका कथन भुजगार विभक्तिके १३ अनुयोगद्वार सादि आदि प्रदेशविभक्ति कथन समुत्कीर्तना स्वामित्वके दो भेद स्वामित्व सस्कृष्ट स्वामित्व कथन काल जघन्य स्वामित्व कथन अन्तर कालानुगमके दो भेद नाना जीवोंकी अपेक्षा भङ्गविचय उत्कृष्ट काल कथन भागाभाग जघन्य काल कथन परिमाण अन्तरानुगमके दो भेद क्षेत्र उत्कृष्ट अन्तर कथन स्पर्शन जघन्य अन्तर कथन काल नाना जीवोंकी अपेक्षा भङ्गविचयके अन्तर दो भेद भाव नाना जीवोंकी अपेक्षा उत्कृष्ट भङ्गविचय १९ अल्पबहुत्व नाना जीवोंकी अपेक्षा जघन्य भङ्गविचय २० पदनिक्षेप ३६परिमाणके दो भेद पदनिक्षेपके ३ अनुयोगद्वार mr mr020309 v Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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