Book Title: Karmagrantha Part 5 Shatak
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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सिद्ध अवस्था की प्राप्ति १४८ प्रकृतियों का क्षय
१२/१३ प्रकृतियों का क्षय (१४वें गुणस्थान में ) ७२/७३ प्रकृतियों का क्षय (१३वें गुणस्थान में ) ज्ञानावरण ५,दर्शनावरण ४, अंतराय ५ – १४ (१२ वें गुणस्थान में ) दो निद्रायें २ (१२वें गुणस्थान के उपांत समय में ) संज्वलन लोभ १ (दसवें गुणस्थान में)
संज्वलन माया १
संज्वलन मान १
संज्वलन क्रोध १
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पुरुषवेद १
हास्यादि षट्क ६
स्त्रीवेद १
नौवें गुणस्थान में
नपुंसकवेद १
एकेन्द्रिय आदि १६
अप्रत्याख्यानावरण क्रोध, मान, माया, लोभ, प्रत्याख्यानावरण क्रोध, मान, माया, लोभ ( वें गुणस्थान में) देव, नरक, तिर्यंच आयु ३ सम्यक्त्व मोहनीय ३ मिश्र मोहनीय २ मिथ्यात्व मोहनीय १
अनंतानुबंधी क्रोध, मान, माया, लोभ
शतक
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(४, ५, ६, ७ वें गुणस्थान में )
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