Book Title: Karananuyoga Part 2 Author(s): Pannalal Jain Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha View full book textPage 3
________________ रहता हूँ, इसके प्रकाशन में श्रीमान् डॉ० चेतनप्रकाश जी पाटनी ने बड़ा श्रम किया है। श्रुतसेवा की समतासागरजी से प्राप्त है। उन्हें इसका प्रकाशन श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन (धर्म संरक्षिणी) महासभा से हो रहा है । एतदर्थ महासभा का प्रकाशन विभाग धन्यवाद का पात्र है। प्रश्नों के उत्तर में कहीं भूल हुई हो तो विज्ञ पाठक संशोधन कर सूचित करने की कृपा करें। विनीत पन्नालाल साहित्याचार्य -Page Navigation
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