Book Title: Kar Bhala Ho Bhala
Author(s): Jain Education Board
Publisher: Jain Education Board

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Page 6
________________ कर भला हो भला कुलधर पिता की शिक्षा के अनुसार नीतिपूर्वक अपना जीवन चला रहा था। कुलधर की पत्नी कुलानन्दा ने क्रमशः सात पुत्रियों को जन्म दिया। सातों ही रंग-रूप में एक से एक सुन्दर थीं। Inal एक दिन कुलानन्दा उदास बैठी थी। कुलधर ने पूछा स्वामी ! हमारे सात-सात पुत्रियाँ हैं और आप पूछ रहे हैं कि किस बात की चिन्ता में बैठी हो ? प्रिये । क्या बात है ? किस बात की चिन्ता में बैठी हो ? 2 Doo वे दोनों आपस में बातें कर ही रहे थे कि द्वार पर एक वृद्ध महिला ने पुकारा अरे कुलधर ! भाई धर्मधर कहाँ हैं? A कुलधर ने समझाया तू इनकी चिन्ता मत कर, हर कन्या जन्म से अपना भाग्य साथ लेकर आती है। अगर इनके भाग्य में सुख लिखा है तो एक से बढ़कर एक घर और वर मिलेगा। KA

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