Book Title: Kar Bhala Ho Bhala
Author(s): Jain Education Board
Publisher: Jain Education Board

Previous | Next

Page 33
________________ सुबह उठकर राजा हुए देखे तो पूछायह फूल कहाँ से आये ? ने पुत्र कर भला हो भला की शय्या पर फूल बिखरे स्वामी ! ये मेरे ही उद्यान के हैं, रात फूल में मैं ले आई थी। दूसरे दिन रात को राजा एकान्त में जाकर छुपकर बैठ गया। रात होने पर असली आराम शोभा आई । पुत्र को स्तनपान कराया, दुलारा, फूल बिखेर कर उसे सुला दिया। राजा ने देखा अरे ! मेरी असली आराम शोभा तो यह है ? यहाँ जो सोई है वह तो कोई नकली है? Dova@ तब तक आराम शोभा वापस आकाश में उड़कर चली गई। 29 फिर उद्यान को ही क्यों नहीं ले आती? R स्वामी ! कुछ दिन बाद वह भी ले आऊँगी। राजा को नकली आराम शोभा की बातों पर शक हो गया। तीसरी रात फिर राजा एकान्त में छुप गया। आराम शोभा आई। पुत्र को स्तनपान कराकर जैसे ही वह जाने लगी, राजा ने उसका हाथ पकड़ लिया શ प्रिये ! रोज आती हो और मुझसे बिना मिले ही चली जाती हो? यह क्या रहस्य है? कहाँ छुपी हो? बताओ मुझे।

Loading...

Page Navigation
1 ... 31 32 33 34 35 36 37 38