Book Title: Kar Bhala Ho Bhala Author(s): Jain Education Board Publisher: Jain Education BoardPage 34
________________ आराम शोभा ने हाथ छुड़ाकर दोनों हाथ जोड़े स्वामी ! मुझे जाने दो। मैं किसी के वचन में बँधी हूँ। फिर रहस्य का पर्दा उठने से अनर्थ हो जायेगा। इसलिए मुझे क्षमा करें और जाने दें। प्रिये ! यह राज हठ समझ लो । तुम्हें बताना ही पड़ेगा। po.old कर भला हो भला Colo आराम शोभा COO 30 Do ठीक है वचन देता हूँ। आराम शोभा ने पिछली सब घटना सुनाकर कहा- राजा सुनकर क्रोध में तमतमा उठा । यह सब मेरी विमाता की कपट नीति है। अपनी पुत्री को रानी बनाने के लिए उसने इतना भारी जाल रचा है। Exaa नहीं स्वामी, आप सबको माफ कर देंगे। विमाता भी माता के समान है, अगर उसने मुझे घर से नहीं निकाला होता तो यह सब देव-कृपा नहीं मिलती । ठीक है स्वामी ! मैं आपको सब बताती हूँ, परन्तु पहले मुझे वचन दीजिये, मेरी कहानी सुनकर जैसा मैं कहूँगी वैसा ही करेंगे आप? इस सब काली करतूत का दूँगा उसे । 3 MPage Navigation
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