Book Title: Kar Bhala Ho Bhala
Author(s): Jain Education Board
Publisher: Jain Education Board

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Page 35
________________ कर भला हो भला कहानी सुनाते-सुनाते प्रातःकाल का सूर्य | राजा ने तुरन्त शीतल जल छिड़ककर नमोकार मंत्र सुनाया। आराम शोभा ने आँखें खोली। उदय हो गया। नागदेव के कथन अनुसार | तब तक सभी दासिया व नकली आराम शोभा भी जग गई। असली आराम शोभा को उसकी वेणी से एक मृत सर्प गिरा। | देखकर उसकी बहन थरथर काँपने लगी। उसने असली आराम शोभा के पाँव पकड लिये हाय ! मृत सर्प, अब सब कुछ समाप्त हो गया। मुझे क्षमा कर दो बहन! FREEDIO xar ला(O4 और वह मूर्छित हो गई। आराम शोभा ने कहा महाराज ! इसे क्षमा कर दीजिये। अब मेरा भी माया उद्यान नष्ट हो गया है हम दोनों में कोई अन्तर नहीं, दोनों ही आपकी हैं। राजा मितशत्रु ने उसे क्षमा करते हुए कहा तुम्हारा कपट तो बहुत कठोर दण्ड योग्य था, परन्तु तुम्हारी बहन की दया के कारण मैं तुम्हारे अपराध को क्षमा करता हूँ। पODS HO

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