Book Title: Kar Bhala Ho Bhala
Author(s): Jain Education Board
Publisher: Jain Education Board

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Page 21
________________ कर भला हो भला तब तक नाग पकड़ने वाले सपेरे आ धमके, एक ने पूछा- विद्युतप्रभा ने अपना पल्लू हटायाक्योंरी छोकरी! क्या सर्प ! ना बाबा नाग बाबा इधर कोई सर्प सर्प का नाम मत लो, बाहर आ जाओ ! वे देखा तूने? मुझे डर लगता है। दुष्ट चले गये। Net DOO अरे कहाँ चले गये नाग बाबा! Yअरे, इससे क्या पूछते हो? || वह नाग को इधर-उधर ढूँढ़ने लगी। अगर यह साँप देखती तो चीखकर भाग गई होती। नागदेव हँसा| वे साँप को ढूँढ़ने आगे चले गये। चलो उस ओर चलो। बाले ! तुमने माँगा भी तो क्या माँगा? खैर, तुम्हारी । तभी एक देव उसके सामने आकर प्रकट हुआ, बोला इच्छा पूर्ण होगी। हे बाले ! मैं नागदेव तुझ पर बहुत प्रसन्न हूँ। तुमने मुझे बचाया, परोपकार किया, अब कुछ वरदान माँग (46 Dool यादOE नाग बाबा ! आप प्रसन्न हैं तो इस जंगल में मेरी गायों के लिए छायादार वृक्ष खड़े कर दीजिये न? मेरी गायें दिनभर धूप में घूमती हैं। 17.

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