Book Title: Kar Bhala Ho Bhala
Author(s): Jain Education Board
Publisher: Jain Education Board

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Page 20
________________ कर भला हो भला गायें जंगल में इधर-उधर चरने लगीं। धूप तेज हो जाने से विद्युतप्रभा एक बबूल की छितरी छाया में घुटनों पर सिर रखकर उदास-सी भूखी-प्यासी बैठी थी। सोच रही थीमैं कैसी अभागिन हूँ। बचपन में माँ । A छोड़कर चली गयी, दिन भर घर का DO010 काम करने पर भी सौतेली माँ खुश नहीं। सभी मुझ पापिन से नाराज हैं। वह सुबक-सुबक कर रोने लग गई। तभी एक काला नाग उसके सामने आकर फन उठाये खड़ा हो गया। नाग को देखकर वह घबरा गई। तभी नाग मनुष्य की भाषा में बोलाकन्ये ! डरो मत ! मैं तुझे नहीं काटूंगा। तेरी शरण में आया हूँ, मेरी रक्षा कर। नाग! बचाओ! ALLIA EN-1 डर के मारे उसके मुँह से शब्द नहीं निकले। | विद्युतप्रभा आश्चर्य से नाग को देखने लगी। नाग बोला पुत्री ! डर मत, मेरे पीछे साँप पकड़ने वाले आ रहे हैं, वे दुष्ट मुझे पकड़कर ले जायेंगे, जल्दी कर, मुझे छिपाले। ठीक है नाग बाबा, आप मेरी गोदी में छुप जाइये। नाग की याचना सुनकट विद्युतप्रभा ने जाग को गेंद बनाकर अपनी गोद में छुपा लिया।

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