Book Title: Kalyan Kalika Part 2
Author(s): Kalyanvijay Gani
Publisher: K V Shastra Sangrah Samiti Jalor

View full book text
Previous | Next

Page 612
________________ ॥ कल्याण कलिका. खं० २॥ । बिम्बस्थापना प्रतिष्ठो पकरण ॥ ५३६ ॥ सूचि ॥ S लविंग तोला ५ जावंत्री तोला ५ जायफल तोला ५ तज तोला ५ कंकोडी तोला १० आंबला तोला १० मीढल नंग ३५ मरडासींगी तोला ५ पंचरतननी पोटली २१ मंगलमाटी ८ जातनी प्रथम अष्टवर्ग पडिकुं १ द्वितीय अष्टवर्ग पडिकुं १ सर्वोषधी पडिकुं १ सदौषधी पडिकुं १ मूलिकाचूर्ण पडिकुं १ ISA कषायछाल पडिकुं१ सुवर्ण पुष्प १०८ गेवा (मोली) सूत्र रतल १ रूप्य पुष्प १०८ भात (डांगर) रतल ६ चांदी अथवा चोचानी फूली (करमरा) रतल १ जर्मनसिल्वरना कलशिया ८ तल से.१ जर्मनसिल्वरनी नानी वाटकी १५ सरसव रतल १ काचना नानां फानस २ घहुँ से. २ समाई मोटी २ जब से.४ अत्तर गुलाब तो..॥ चणा से.३ अत्तर केवडा तो.॥ चोला से.२ अत्तर मोगरा तो.॥ मग से.३ अत्तर खश तो.॥ अडद से.३ अत्तर चमेली तो.॥ जुवार से.२ तेल चमेली तो.१० गोल से.५ चंदननु तेल तो.५ साकर से.५ गुलाबजल शीशो १ मोटो. For Private & Personal Use Only रेशमी वस्त्र रातुं गज ४ । पीलुं गज ४ नीलू गज ५ धोलुं गज ६ कालुं गज २ किरमजी गज १ पंचपटो गज १ आस्मानी गज १ आसन (कटासणां)४ अबोटियां (धोतियां) ८ उत्तरासणियां (खेश) ८ धावली ४ अंगोच्छा ४ मलमल पनो ५६ इंचनो ताको १ GED श्रा || ५३६ ।। | Jain Education International www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660