Book Title: Kalyan Kalika Part 2
Author(s): Kalyanvijay Gani
Publisher: K V Shastra Sangrah Samiti Jalor
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॥ कल्याण
कलिका.
खं० २ ।।
।। ५५५ ।।
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रीति (१)
रूप्यकचोलिका (११४ )
रूप्य मुद्रा ४ ( कलशला योग्य ) (७)
रूप्य मुद्रा १ ( घडी योग्य) (७)
रूप्य मुद्रा १ सूत्रधार योग्य ( ७ )
लवण (१)
लवणपानीय विधि ( ५१४) लवणारात्रिकावतारण ( ४ )
लवणावतारण (६)
लूण उता (६)
लूण पाणी विधिपूर्वक आरती मंगलेवो
कपूर घी साकरे करी करवो (६) लोकपाल पूजन (कंकण मोचने) (१) लोह-मुद्रिका १ (१) लोहवर्ग (हेमरजत ताम्र कृष्ण लोह
रीति कांस्य सीसकादि ) ( १ ) लाडू (३|५|६|८)
लापसी (८)
वदना छादन ( २३ ) बरसोलां (२|३|५|६) वरसोलां १०० (७) वषेपिलक (२४)
वसु (१)
वज्र (१)
वस्त्रपरिधान (२)
वस्त्र (सदश ) (२३)
वस्त्र पाट १ हाथ २४ (७) ar (सदश श्वेत बिंबाच्छादन हाथ) २४ (४) वस्त्र सूत्र धार योग्य (५)
वस्त्र १ सूत्र धार योग्य ( ७ )
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वस्त्र कोसुंभ खंड सह (७) वस्त्र श्वेत ( प्रतिमाच्छादन) (१) वस्त्र २ अखंड सदश कोरा (नंदावर्तयोग्य १ प्रतिमायोग्य १) (६)
वस्त्र २ सदशकोरक (१ गुरु १ नंद्यावर्त योग्य) (६५)
वस्त्र पूजा (२|३|५)
वस्त्र कोरां सदश ४ (नंदावर्त प्रतिमागुरू
नंदावर्त लेखक योग्य ) (८) वाटकी १ ( रुथ) (३२५/६:७)
वाटकी १ (रुथ) (२)
वाटकी २ (रुथ) (८) बाढी १ (२) वादित्रानयन ( ४ ) वादित्रवादन (६)
॥ बिम्ब
स्थापना
प्रतिष्ठो
पकरण
सूचि ॥
।। ५५५ ।।
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