Book Title: Kalyan Kalika Part 2
Author(s): Kalyanvijay Gani
Publisher: K V Shastra Sangrah Samiti Jalor

View full book text
Previous | Next

Page 632
________________ MHA ॥ कल्याणकलिका. खं० २॥ स्थापना प्रतिष्ठोपकरणसूचि ॥ वाताम्र (४) वायम्ब (३) वाइम १० (७) १०८ वारक स्नान (२) वारक १०८ (१) वारा १० (२) वारा (माटी) १० (३) वारक श्वेत ४ (२१५) वारक ४ स्थापन (स्वस्तिक पट्ट पार्श्वे ४ दिशि सकपर्द १ सहिरण्य २ सजल ३ सधान्य ४) (२) वालिका (३) वालुका (२) वाल (१) वेलु (७) पवित्र स्थानीय वांस धोला पीला (८) वास (१२।३।६।८) वास-धवल (५।६) वास-पीला झाझा केसर (६) वास (गंध ही अति धवल वास) (६) वास (कर्पूर कस्तुरिका पुष्प वासित) (४) वास (चंदन केसर कपूर) (८) वास सेर १० (सुकडिया) (७) वास सेर १ (केसर कपूर सहित) (७) विद्रुम शय्या (१) विलेपन (१) विझणा ८ (८) बिरंटक (४) ब्रीहि (१) वृंताक (१) वैज्ञानिक (२।३) वेदिका (श२८) वेदिका रचना (२१३) वेदिका रचना (मंडप मध्ये) (४) वेदिका रचना (कलशे) (४) वेदिका ४ (५।७४) वेदि ४ मंडप कोण चतुष्टये (३) वेहि ४ (२) वेहि ४ नवांग (५।६७) वैज्ञानिक (२।३) वैडूर्य (१) शण बीज (१) शतमूलिका (१०० वनस्पति नामानिः (६) शर्करा (४) शंख दर्शन (३) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660