Book Title: Kalyan Kalika Part 2
Author(s): Kalyanvijay Gani
Publisher: K V Shastra Sangrah Samiti Jalor
View full book text
________________
।। कल्याणकलिका. खं० २॥
॥ क्रयाणकरूची ॥
न
॥ ५६६ ॥
कटभी= मालकांगणी श्वेतकटभी= धोली मालकांगणी इंगुदी= हिंगोटी-हिंगोटा- झाड सुरसा= तुलसी सोमराजी= बनतुलसी-बाकुची श्वेतसुरसा= धोली तुलसी कुबेर= अजमो-बोडी अजमो कृष्ण कुबेर= कालो अजमो फणिञ्जक= बीजोरी-बीजोरानुं झाड निगुंडी= नगोडनुं झाट मुष्कक लताकस्तूरी अतिविषा= अतीस-अतिविषनी कली. जीरक= धोलुं जीरु कृष्णजीरक= कालुं जीरुं-स्याहजीरु अजमोद= एज नामे प्रसिद्ध
चव्यक= स्वनाम ख्यात पुष्करपत्री= बिल्ली, झाड मंजिष्ठा= मजीठ शाल्मलि= सेमलनो गुंदर घातकी घातकीवृक्ष नन्दी= ए नामनुं वृक्ष भल्लातक= भीलामानुं झाड वट= वडनुं झाड-वड पिप्पल= पिपलो-पारस पीपलो उदुम्बर= उंबरो-गूलर जंबू= जांबुनुं झाड राजजंबू = मोटा जांबून झाड काकजंबू= न्हानां जांबुफल- झाड-जंगली जांबू करमर्दक= करमदी-करमदानु झाड कपीतन= जासूदीनुं झाड
आम्र= आंबो पियाल= चारोली-नेपाली चारोली तिन्दूक= तिंदुआ- झाड तुरुष्क= शिलारस वालक= सुगंधी वालो अधःपुष्पी= उंधा फूलीनो क्षुप त्वचा तज-दालचिनी तमालपत्र% स्वनाम ख्यात नख= नखला श्रीवेष्ट = सर्जवृक्षनो निर्यास-चंदरस कुन्दरुक= कंदरूप धूप कुंकुम= केसर गुग्गुल= गूगलनुं झाड-गूगल धूप पीलुं= पीलुडीनुं फल-पीलुं खटी खडी-धोली माटीनो भेद
॥ ५६६ ॥
www.jainelibrary.org
For Private Personal Use Only
Jain Education International
Page Navigation
1 ... 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660