Book Title: Kalyan Kalika Part 2
Author(s): Kalyanvijay Gani
Publisher: K V Shastra Sangrah Samiti Jalor

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Page 625
________________ ॥ कल्याणकलिका. खं०२॥ ॥ बिम्बस्थापना प्रतिष्ठोपकरणसूचि ॥ धान्य वर्ग (यव ब्रीहि गोधूम तिल धान्य ७ (अभिषेक रक्तफल मिश्रित)(१) माषमुद्ग बल्ल चणक मसूर तुवरि धान्य ७ (शालि यव गोधूम मुद्ग बल्ल चणक व (श)णबीज नीवार श्यामाकादि) चवला (३) (१), धान्य ७ (सण कुलत्थ मसूर बल्ल चणक धान्य ७ प्रक्षेप (सात)(श२), चवलक)(४) धान्य (शण लाजा कुलत्थ यव कंगु उडद धान्य ७ (क्षेप) शण लाजा कुलत्थ यव कांग सर्षप ७(क्षेपः) (२३) उडद सर्षप (६) धान्य (शणबीज कुलत्थ मसूर वल्ल चणक धान्य ७ (शालि जव गोहुं मुंग वाल चिणा ब्रीहि चवलादि(२।३) चवला)(६५) धान्य बलि (शणबीज कुलत्थ मसूर जव धान्य ७ (सणबीज कुलत्थ मसूर जब कांग उडद कांग उडद सरसव)(८) सरसिब)(६) धान्य ७ स्नपन शालि यव गोधूम मुद्ग धान्य ७ (शणबीज कुलत्थ मसूर वल्ल जव ब्रीहि वल्ल चनक चपलक (२१८) चउला) (७) धान्य स्नपन ७(गंध पुष्पयुक्त) (३) धान्य ७ (शणबीज लाज कुलत्थ यव कंगु माष सर्षप) (४) धान्य ७ (धान्य मुद्ग माष चणक यब गोधूम तिल) (४) धान्य ७ (परितः क्षेपः नंदावर्ते) (५) धूप (१२।३।४।५।६।७८) धूप कुंदुरक प्रभृति (४) धूप दशांग (४) धूप दशांग सेर ॥ (८) धूप पंचांग (४) धूप द्वादशांग (४) धूपधाणां (श५।६।८ धूप पुडी (५।६: धोतियां जोडा ४ (६) धोती जोडा ४ स्थाप नंदावर्त मंडल (श्रीपर्ण पट्टे) (१) नंदावर्त पाटलो १ (२।३।४।५।६।७१८) ॥ ५४९ ॥ For Private Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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