Book Title: Kalyan Kalika Part 2
Author(s): Kalyanvijay Gani
Publisher: K V Shastra Sangrah Samiti Jalor

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Page 620
________________ ॥ कल्याण कलिका. खं० २ ॥ ।। ५४४ ।। Jain Education International अतिबला हेमपुष्पी विशाला नाकुली कर्पूर (१२२|३|४|५।६।७१८) गंधनाकुली सहा वाराही शतावरी मेदा महामेदा काकोली क्षीरकाकोली कुमारीबृहती द्वय चक्रांका मयुर शिखा लक्ष्मणा दूर्वा दर्भ पतंजारी गोरंभा रुद्रजटा लज्जालिका मेषशृंगी ऋद्धि वृद्धि आदि (१) कणयर प्रमुख पुष्प (७) कदलक (१) कदली फल (४७१८) कदली फल शुष्क (७) कपर्दक (१/२) करणी (७) करंब (४) करुणा (४) कषायवर्गस्नात्र ( १ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ) कस्तुरी (१२|३|४|५|६/७ ८) कंकण (२१५) कंकण हस्तसूरि (२) कंकण ३ (३) कंकण कौसुंभ २० ( ३३४ ) कंकण ( मदनफलाख्य) (२) कंकण मोचन (२३) कंकण (मीढल ऋद्धि वृद्धि सहित ) ( ५/६ ) कंकण (सुवर्ण) (५) (८६) कंकण ४ (सुवर्ण) (५) कंकण १(सुवर्ण) (७) कंकण ऋद्धि वृद्धि समेत मिंढल सर्व बिम्वेषु (६) कंकण गेवासूत्रमय वृद्ध प्रतिमा योग्य १ ( ७ ) For Private & Personal Use Only कंकण मींडल मरोडाफली स०८ (८) कंकण कौसुंभमय ८ (उभय योग्य) (७) कंकणिका ५ ( रक्तसूत्र वेष्ठित ) (२२४) कंकणिकारोप (३) कंकणिका ५ (३) कांकणी (६) कांस्य १ कांस्य वर्तिका (१) कंचुलि ४ (२|३|४|६/७७८) कांकणी सेर. १ (७), कंचुलिका १ ( कौशेयमयी) (४), कंदमूल (२) कंदमूल नाना ( १ ) काकडी (६) कुमारी १ (नेत्राअववर्तिनी) (३) ॥ बिम्ब स्थापना प्रतिष्ठो पकरण सूचि ॥ ।। ५४४ ।। www.jainelibrary.org

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