Book Title: Kalpasutra
Author(s): Bhadrabahuswami, Vinaysagar
Publisher: Rajasthan Prakruti Bharati Sansthan Jaipur

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Page 300
________________ 186. A thousand thousand million sagaropamas intervened between Arhat Sumati and Arhat Sitala. 187. Ten times this figure intervened between Arhat Abhinanda and Arhat sitala. १८६. अहंत सुमति को यावत सर्व दुःखहीन हए एक लाख करोड़ सागरोपम जितना समय व्यतीत हो गया। शेष वृत्त अर्हत् शीतल के समान समझना चाहिए। अर्थात् बयालीस हजार तीन वर्ष साढ़े आठ महीने न्यून एक लाख करोड़ सागरोपम व्यतीत होने पर महावीर निर्वाण को प्राप्त हुए, इत्यादि पूर्ववत् जानना चाहिए। १८७. अर्हत् अभिनन्दन को सर्व दुःख-मूक्त हए दस लाख करोड़ सागरोपम जितना समय व्यतीत हो गया। शेष प्रसंग अर्हत् शीतल के समान जानना चाहिए । अर्थात् बयालीस हजार तीन वर्ष साढ़े आठ महीने शेष रहने पर, दस लाख करोड़ सागरोपम व्यतीत होने पर महावीर निर्वाण को प्राप्त हुए, इत्यादि पूर्ववत् समझना चाहिए। १८८. अर्हत सम्भव को यावत सर्व दुःख-रहित हए बीस लाख करोड़ सागरोपम जितना समय व्यतीत हो । गया। शेष प्रसंग अर्हत् शीतल के समान जानना चाहिए। अर्थात् बयालीस हजार तीन वर्ष साढ़े आठ महीने शेष, बीस लाख करोड़ सागरोपम व्यतीत हो जाने पर महावीर निर्वाण को प्राप्त हुए, इत्यादि समझना चाहिए। १८६. अर्हत् अजित को समस्त प्रकार के दुःखों से पूर्णतया मुक्त हए पचास लाख करोड सागरोपम जितना समय व्यतीत हो गया। शेष वर्णन महंत शीतल के Luts coop 188. Twice the above, less the number of years being carried over in calculation, intervened bet ween Arhat Sambhava and Arbat Sitala. कल्पसूत्र २५३ 189. Fifty hundred thousand crores of sigaropamas intervened between Arhat Ajita and Arhat Sirala. www.jainelibrary.org For Private & Personal Use Only Jain Education International

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