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हाथ लगाना है और हाथ गर्म तवे पर जा लगेगा। फुल्का किनारे रह जाएगा। महिलाओं का हाथ जब भी जलता है, उन्हें इस बात का ज्यादा पता है कि हाथ क्यों जलता है? सोचते हैं कुछ, और करते हैं कुछ। भटका मन ही चूक का कारण बनता है।
सच है, एक काम, एक मन। अगर आप पढ़ाई करने बैठें तो पढ़ने से पहले पाँच मिनट तक आँखें बंद कर प्रभु को याद कर लें। आप देखेंगे कि प्रार्थना के नाम पर आपने जो एकाग्रता और तन्मयता साधी है, वही आपकी पढ़ाई कि लिए रामबाण औषधि हो गई। हर सुबह घर के सभी सदस्य एकत्रित हो पूजा घर में बैठ जाएँ और पन्द्रह मिनट तक कोई प्रार्थना या गीत समूह में गुनगुना लें। 'अब सौंप दिया इस जीवन का सब भार तुम्हारे चरणों में' या फिर अन्य कोई गीत गुनगुना लें। उसके बाद काम में लगे। ___ मैं तो यह भी कहूँगा कि यदि आप कोई फैक्ट्री चलाते हैं तो फैक्ट्री में कार्य शुरू होने से पहले प्रतिदिन कर्मचारियों को पन्द्रह मिनट प्रार्थना का अवसर अवश्य प्रदान कीजिए। आप यह मत सोचिए कि आपका समय बर्बाद हो रहा है और आपको इस समय का भी भुगतान करना पड़ेगा। आप यह देखकर आश्चर्यचकित हो जाएंगे कि पन्द्रह मिनट की प्रार्थना के बाद कार्य शुरू करने पर, आपके कर्मचारियों की कार्यक्षमता और फैक्ट्री की उत्पादन-क्षमता दोनों ही बढ़ जाएगी। प्रार्थना ने उन्हें तन्मयता दी, प्रार्थना ने उन्हें एकाग्रता दी
और प्रार्थना ने उन्हें समझ दी ‘वर्क इज वर्शिप।' जैसे तुमने प्रार्थना की है वैसे ही अपना कार्य भी सम्पादित करो। _दूसरा अनुरोध यह भी करूँगा कि किसी भी कार्य को छोटा मत समझिए। छोटे से छोटा कार्य भी इस तरह सम्पादित कीजिए कि वह महान् कार्य बन जाए। हर महान कार्य शुरू में छोटे तल पर ही होता है। छोटे-छोटे कार्य मिलकर ही पूर्ण हुआ करते हैं। पूर्णता कभी छोटी
व्यवस्थित करें स्वयं को
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