Book Title: Kaise Jiye Madhur Jivan
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation
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जीवन के संघर्षों में सफल होने के लिए कर्मयोग है। शिक्षा और संस्कार को को सुदृढ़ करने के लिए ज्ञानयोग है। भावना और भक्ति के विकास के लिए भक्तियोग है। यम-नियम से लेकर समाधि तक की बात को साधने के लिए ध्यानयोग है। निहित स्वार्थों से ऊपर उठकर बेहतर, स्वस्थ और मधुर जीवन का स्वामी बनाना योग का कार्य है। ___ ध्यान रखें, अहं-भाव से मुक्त होकर कर्त्तव्यशील बनें। ज्ञान को जीवन का धन मानें, पर विवेक का ज्ञान पर अंकुश रखें। औरों में भी भगवान की छवि देखते हुए उन के साथ सौम्य और साम्य व्यवहार करें। सुबह-शाम आधा घंटा ध्यान अवश्य करें। इससे चित्त की अशांति और विक्षिप्तता दूर होगी। हम शांत मन के स्वामी बनेंगे और ज्ञान तथा भक्ति को अपने कर्म के साथ जोड़कर उसे भी 'सत्यम् शिवम् सुन्दरम्' का वैभव प्रदान करेंगे।
ज्ञान, भक्ति और सक्रियता को जीवन के साथ इस तरह जोड़ें कि जीवन स्वयं योग बन जाए और जीना ही प्रभु का प्रसाद बन जाए।
. बेहतर जीवन के लिए, योग अपनाएं
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