Book Title: Kaise Jiye Madhur Jivan
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 122
________________ कैसे जिएँ मधुर जीवन सफल और सौम्य जीवन के लिए मूल्यवान बात यह है कि हम छोटों को देखकर जिएँ, बड़ों को देखकर बढ़ें और अच्छे के लिए प्रयास करें। तुम्हारे पास कार है तो स्कूटर पर अपनी नजर रखों, ताकि जो तुम्हें मिला है, उससे तुम असंतुष्ट न रह सको। तुम्हें लगे कि ईश्वर ने तुम्हें औरों से ज्यादा दिया है / अगर तुम्हें लगे कि तुम्हारे पहनने को जूते नहीं हैं, तो वेद न करें, क्योंकि दुनिया में हजारों लोग ऐसे हैं जिनके पाँव तक नहीं है। बड़ों को देखकर उनसे आगे बढ़ने की प्रेरणा लें। आरिवर बड़े लोग किसी कहानी-किस्से के ही हिस्से तो नहीं हैं। वे पूजा के नहीं, प्रेरणा के पात्र हैं। इसी तरह हम अच्छा होने के लिए प्रयत्न करते रहें। बुराई सबमें है, मुझमें भी, आपमें भी, पर हमें अपना प्रयास अच्छा होने के लिए करते रहना चाहिए। जीवन में कोई ऐसा नहीं है कि सोमवार को जन्मे, मंगल को बड़े हुए, बुध को विवाह हुआ और गुरु को बच्चे हुए। शुक्रवार को बीमार पड़ गए, और शनिवार को अस्पताल गए और रविवार को चल बसे / जीवन तो स्वयं एक तीर्थयात्रा है। इसे रचनात्मक बनाइये, जीवन के प्रति सकारात्मक नजरिया अपनाइये। - श्री चन्द्रप्रभ Jain Edition international For Personal Private Use Only www.jainelibrary on

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