Book Title: Jinabhashita 2006 03 Author(s): Ratanchand Jain Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra View full book textPage 9
________________ 1871-72 में Archaological Survey of India के Asst. | निवेदन के बावजूद भी मंदिर की सुरक्षा व बड़े बाबा की Archaological सर्वे Z.D. Begler की बुन्देलखंड एवं | मूर्ति की सुरक्षा के लिये कोई कदम नहीं उठाया गया, तब मालवा के दौरे की विस्तृत रिपोर्ट जो इनके तत्कालीन | समिति के द्वारा उस पूरे Mud Rocks क्षेत्र जिसे कोलकाता आफिस से प्रकाशित हुई थी, उसमें भी बताया | भूगर्भशास्त्रियों ने वीक जोन बताया था, के चारों तरफ 15 से गया है। (अंबिका मठ का चित्र व Z.D. Begler की रिपोर्ट | 20 मीटर गहरे 100mm व्यास के 657 छिद्र बोर कराकर क्रमांक 3 और 4 संलग्न)। पियोर सीमेंट ग्राउट कराई गई थी। उसके बावजूद भी बड़े ___ इसे एक विडम्बना ही माना जायेगा कि कुण्डलपुर में | बाबा की मूर्ति अपने मूलस्थान से 3से.मी. झुक गयी, इसकी एक मात्र संरक्षित स्मारक, जिसकी सुरक्षा पर ही इन्होंने | भी जानकारी इस विभाग को थी। ग्राउटिंग की विस्तृत रिपोर्ट अपने चौकीदार नियुक्त किये, विभाग का पैसा खर्च किया। (संलग्न क्रमांक 9) तथा इन सारी बातों की जानकारी समिति और उसकी ही सुरक्षा नहीं कर सके, यहाँ तक कि आज के द्वारा लगातार पिछले कई वर्षों से पुरातत्त्व विभाग के उससे 100 मीटर के निषिद्ध क्षेत्र प्रतिबंधित क्षेत्र जिसकी ये अधिकारियों को दी जा रही थी और निवेदन किया जा रहा बात करते हैं वहाँ पर उस क्षेत्र में 4-4 समाधि के चबूतरे, | था कि शीघ्र ही 6वीं एवं 7वीं शताब्दी के मध्य की इस नल व खनन आदि हो चके हैं, क्या कभी इस विभाग ने | विशाल जैन प्रतिमा की, जो भारत ही नहीं बल्कि संपूर्ण किसी को भी नोटिस दिये? प्रशासन से इन गतिविधियों के | विश्व में फैले हुए करोड़ों जैन अनुयायियों के आस्था का लिए रोक माँगी? और तो और इस विभाग की एक सच्चाई केन्द्र बिन्दु है, रक्षा की जाये, यहाँ तक कि इसी विभाग के यह भी है कि कुण्डलपुर में 6वीं शताब्दी के एक नहीं, दो भोपाल मंडल के एक बड़े अधिकारी ने अपनी कुण्डलपुर मंदिर थे और वे दोनों ही केन्द्रीय स्मारक संरक्षण अधिनियम बड़े बाबा मंदिर निरीक्षण की एक विस्तृत रिपोर्ट दी थी के अंतर्गत भोपाल सर्किल की सुरक्षा में थे तथा भोपाल | (संलग्न क्रमांक 7), जिसमें स्वीकार किया गया था कि मंडल के अंतर्गत संरक्षित स्मारकों की सूची के क्रमांक 49 बड़े बाबा का मंदिर 80 प्रतिशत नष्ट हो चुका है। उसमें (संलग्न 5) में थे तथा भारतसरकार के दमोह जिले के | सघन जीर्णोद्धार की आवश्यकता है। अपने विभाग की गजट के पृष्ठ क्रमांक 384 (संलग्न 6) में यह बात स्पष्ट इतनी गंभीर जाँच रिपोर्ट के बावजूद भी यह विभाग शायद रूप से सामने आयी है कि कण्डलपर में 6वीं-7वीं सदी के उस दिन का इन्तजार कर रहा था कि बचा हआ बाकी 20 केवल दो ही मंदिर थे जो सिंगल स्लेब व फ्लेट रूप पैटर्न प्रतिशत हिस्सा कब बड़े बाबा की मूर्ति पर गिर जाये और के बने थे, उनमें से एक मंदिर खाली व दूसरे मंदिर में | 6वीं-7वीं शताब्दी की, करोड़ों जैन अनुयायियों के आस्था शायद विष्णु भगवान थे। आज मौके पर एक मंदिर है और के केन्द्र बिंदु भगवान ऋषभदेव बड़े बाबा की प्रतिमा नष्ट एक दूसरा मंदिर कहाँ गया यह विभाग बताये? हो जाय। अचानक आज बडे बाबा के मंदिर की प्रतिमा के आज जब बड़े बाबा की मूर्ति का स्थानान्तरण किया स्थानान्तरण को लेकर यह विभाग इतना बडा बबाल खडा | गया, तो इस विभाग ने इतना बड़ा बबाल खड़ा कर दिया! कर रहा है। मैं बड़े सम्मान के साथ सारे पत्रकार जगत को, | | क्या उसके पास इस बात का कोई जबाव है कि 1913 से इलेक्ट्रानिक मीडिया को बताना चाहता हूँ कि बडे बाबा की | आज 2006 तक समिति के द्वारा बड़े बाबा के पुराने मंदिर मूर्ति को पुराने मंदिर से निकालकर नये निर्माणाधीन मंदिर | का कई बार जीर्णोद्धार कराया गया, यहाँ तक कि 1975-76 में स्थानांतरण की आवश्यकता क्यों पडी? पराना मंदिर में बड़े बाबा के मंदिर का ऊपर का शिखर पूरी तरह से ढह पूर्णतया जीर्णशीर्ण हो गया था. विगत 12 वर्षों में इस क्षेत्र में | गया था तब तत्कालीन अखिल भारतीय जैनतीर्थ रक्षा समिति आये भूकम्प के प्रभाव एवं काल के प्रभाव से मंदिर के | के अध्यक्ष प्रमुख उद्योगपति साहू श्रेयांसप्रसाद जी के सहयोग मण्डप में बडे-बडे केक आ गये थे। मंदिर के नीचे कोई | से समिति के द्वारा बड़े बाबा के गर्भगृह पर सीमेंट, लोहा भी नींव नहीं थी, बल्कि Mud Rocks का क्षेत्र था, जिसे | क्रांकीट के एक विशाल शिखर का निर्माण कराया गया था, भूगर्भ-शास्त्रियों ने Week Zone Area का क्षेत्र बताया था। यह कार्य तीन वर्ष तक लगातार चलता रहा, उस समय भी 1999 में जब पुरातत्त्व विभाग के द्वारा समिति के बार-बार इस विभाग ने कोई आपत्ति नहीं की थी, क्योंकि यह विभाग अच्छी तरह से जानता था कि बड़े बाबा की मूर्ति ही 6वीं मार्च 2006 जिनभाषित /7. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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