Book Title: Jinabhashita 2006 03
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 32
________________ समाचार परमपूज्य मुनि श्री 108 प्रमाणसागर जी के । योग का प्रशिक्षण क्षेत्र में स्थित गुरुकुल के बच्चों को प्रदान कोलकाता आगमन पर अभूतपूर्व धर्म प्रभावना किया गया। इस शिविर में गुरुकुल के अधिष्ठाता एवं क्षेत्र कोलकाता काकुड़गाछी क्षेत्र में नवनिर्मित मंदिर जी के | प्रमुख ब्र. विनोद भैय्या का सान्निध्य प्राप्त हुआ। पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के अवसर पर कोलकाता एलोरा गुरुकुल में प. पू. आर्यनंदी महाराज श्री दिगम्बर जैन समाज के निवेदन पर परमपूज्य आचार्य श्री की पुण्यतिथि सम्पन्न 108 विद्यासागर जी महाराज के युवा शिष्य प्रखरवक्ता मुनि | ___एलोरा के पार्श्वनाथ ब्रह्मचर्याश्रम गुरुकुल में 7 फरवरी श्री 108 प्रमाण सागर जी महाराज के आगमन से यहाँ अभूतपूर्व | को तीर्थरक्षा शिरोमणि आचार्य परम पूज्य आर्यनंदी महाराज धर्मप्रभावना हो रही है। की 6 वीं पुण्यतिथि बड़ी धूमधाम से मनाई गई। आर्यनंदी विगत दिनों पूज्य मुनि श्री प्रमाणसागर जी महाराज का महाराज ने ही इस गुरुकुल की नींव डाली थी और अब यह प्रवास बेलगछिया उपवन मंदिर जी में हुआ। वहाँ श्यामबाजार | गुरुकुल निरंतर फलफूल रहा है। स्थित देशबन्धु पार्क में पूज्य मुनि श्री के सार्वजनिक प्रवचनों प्रदीप कुमार से जैन जैनेतर समाज ने धर्म लाभ प्राप्त किया। अनेकान्त ज्ञान मंदिर बीना का 14 वाँ वार्षिकोत्सव सम्पन्न ___बेलगछिया उपवन मंदिर जी से विहार कर हावड़ा | बीना, 20 फरवरी 1992 को स्थापित अनेकान्त ज्ञान डबसन रोड में पूज्य मुनि श्री का प्रवास लगभग एक महीने | मंदिर शोध संस्थान बीना ने अपनी सफलतम यात्रा के 14 रहा। इनके यहाँ प्रवास के अवसर पर जितनी धर्म प्रभावना | वर्ष पूर्ण कर 15 वें वर्ष में प्रवेश किया। इस पुनीत अवसर हुई आज तक नहीं देखी गई। बच्चे, युवा, आबालवृद्ध स्त्री- | पर श्रुत महोत्सव का कार्यक्रम एक आध्यात्मिक वातावरण पुरुषों ने पूज्य महाराज जी के प्रवचनों का लाभ उठाया। में श्रताराधना के रूप में सम्पन्न हुआ। पूज्य प्रमाणसागर जी महाराज जब आहारचर्या के लिये बाहर सचिन जैन जाते तो सैकड़ों नर-नारी अभूतपूर्व चर्या को देखकर प्रो. डॉ. भागचन्द्र जैन राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित नतमस्तक हो जाते थे। यहाँ तो जैन-अजैन का भेद ही मिट गया। स्थानीय गलमोहर पार्क के विशाल प्रांगण में आयोजित प्रो. भागचन्द्र जैन पूर्व विभागाध्यक्ष, पालि-प्राकृत विभाग, नागपुर विश्वविद्यालय को पालि-प्राकृत साहित्य में विशिष्ट नव दिवसीय प्रवचन श्रृंखला में सैकड़ों जैनेतर श्रद्धालु प्रतिदिन योगदान के लिये दिनांक 6 दिसम्बर 05 को राष्ट्रपति भवन महाराज जी के प्रवचनों में आते देखे गये। में महामहिम राष्ट्रपति के करकमलों से राष्ट्रपति एवार्ड से विगत 9 फरवरी को पूज्य मुनि श्री प्रमाणसागर जी सम्मानित किया गया है। हावड़ा डबसन रोड से विहार कर बंगवासी मंदिर जी के ___ लगभग 67 वर्षीय प्रो. जैन का जन्म बम्हौरी छतरपुर दर्शन करते हुए कोलकाता की हृदयस्थली बड़ा बाजार में (म.प्र.) में हुआ। आपने संस्कृत साहित्य में आचार्य, प्राकृत विराजमान हैं। स्थानीय श्री दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर जी में एवं जैनशास्त्र में शास्त्राचार्य, संस्कृत, पाली एवं प्राचीन भारतीय पूज्य मुनि श्री का मंगल प्रवचन प्रतिदिन प्रातः 8:15 बजे से आयोजित है। प्रातः 7 बजे से धार्मिक शिक्षण शिविर प्रारम्भ इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्त्व में एम.ए., पाली एवं प्राकृत में पीएच.डी, हिन्दी,पाली एवं प्राकृत तथा संस्कृत में डी. होता है। जिसमें लगभग दो सौ भाई-बहिन भाग लेकर धर्म लिट्. की उपाधियां प्राप्त की। आपने अध्यापन कार्य के लाभ प्राप्त कर रहे हैं। अंतराल में लगभग 30 वर्षों तक नागपुर, जयपुर, वाराणसी अजीत पाटनी आदि विभिन्न विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष योग प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न एवं संस्थानों में लगभग 5 वर्षों तक निदेशक के रूप में कार्य सम्मेदगिरि अतिशय क्षेत्र गोसलपुर (जबलपुर) में | किया। दिनांक 5 फरवरी से 10 फरवरी 2006 तक छतरपुर से सुनील जैन पधारे मध्यप्रदेश योगकिंग डॉ. फूलचन्द्र जी योगीराज द्वारा | 30/मार्च 2006 जिनभाषित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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