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में पुरातत्त्व विभाग ने पुरातत्त्व स्मारक सम्बन्धी आज तक | राष्ट्रपति जी, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री जी को पत्र भेजकर कोई सूचना व जानकारी प्रदर्शित नहीं की है। समाज के इस | माँग करना होगी कि धर्मक्षेत्र कुण् धर्मक्षेत्र पर तथा बड़े बाबा का मंदिर जीर्ण-शीर्ण होते जाने | विकास सम्बन्धी कार्य करने का अधिकार प्रबंधकारिणी पर भी पुरातत्त्व विभाग, वन विभाग व अन्य शासकीय | समिति को हस्तान्तरित किये जायें, जैसे कि माउंटआबू, विभागों की हमारे धर्मक्षेत्र के विकास, संरक्षण, संवर्धन में | राजस्थान, देलवाड़ा के जैन मंदिरों के संरक्षण, संवर्धन एवं कभी कोई भूमिका नहीं रही, न ही पुरातत्त्व विभाग ने अब | विकास कार्य के अधिकार वहाँ की समाज को हस्तान्तरित तक खर्च किये गये दस करोड़ रुपयों के निर्माण कार्य को | किये गये हैं। ऐसा प्रावधान भारतीय पुरातत्त्व अधिनियम में रोकने की पहल की है, जो कि छिपाकर चुपचाप किया है भी तथा यह अनुभव के आधार पर न्याय का तकाजा भी जाना असंभव था।
| है। आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के अन्तर्मन से उपजी ऐसी दशा में समाज के सभी संस्थाओं व महानुभावों को | यह भावना सबके गले उतरने योग्य है कि पुरातत्त्व विभाग जैन संस्कृति रक्षा के नाम पर अवरोध उत्पन्न करने वाले को पुरातत्त्व की चिंता है, हमें पूरे तत्त्व की। नकारात्मक चेहरों को पहचानना होगा तथा उनका बहिष्कार
22, जॉय बिल्डर्स कॉलोनी, इन्दौर-452003 करना होगा। भारतसरकार के पुरातत्त्वविभाग, प्रधानमंत्री जी,
घनिष्ट मित्रता
बेला जैन
मैत्री वही घनिष्ट है, जिसमें दो अनुरूप। आत्मा को अर्पण करें, सखा को रुचिरूप॥
बुध सम्मत वह मित्रता, जिसमें यह बर्ताव। स्वाश्रित दोनों पक्ष हों, रखे न साथ दबाव ॥
3. मित्र वस्तु पर मित्र का, दिखे नहीं कुछ स्वत्व। तो मैत्री किस मूल्य की, और रखे क्या तत्त्व॥
एक हृदय सन्मित्र का, सच्चे तजें न साथ। नाश हेतु होवे भले , चाहे उसका साथ ।।
7. जिस पर चिरकाल से, मन में अति अनुराग। कर दे यदि वह हानि तो, होता नहीं विराग।
8. मित्र नहीं सन्मित्र पर, सहता दोषारोप। फूले उस दिन मित्र जब, हरले अरि आरोप॥
9. चिर मित्रों के साथ भी, शिथिल न जिसका प्रेम । ऐसे मानव रत्न को, अरि भी करते प्रेम॥
बिना लिये ही राय कुछ, कर लेवे यदि मित्र। तो प्रसन्न होता अधिक, सचमुच गाढ़ा मित्र ॥
5.
कष्ट मिले यदि मित्र से, तो उसका भावार्थ। या तो वह अज्ञान है, या मैत्री सत्यार्थ ॥
म. नं. 16, गाँधी चौक,
नसीराबाद (राज.)
मार्च 2006 जिनभाषित / 11
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