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7वीं शताब्दी की है, यह मंदिर सिर्फ 150-200 साल पुराना | हो गया, शायद इसी का पुरातत्त्व विभाग वर्षों से इन्तजार है, इसमें पुरातत्त्व का कोई तत्त्व नहीं है, जिसका उल्लेख | कर रहा था। बड़े बाबा की मूर्ति के स्थानान्तरण के बाद आर्केलॉजीकल सर्वे ऑफ इण्डिया रिपोर्ट द सेन्ट्रल प्रॉवीजन्स पुरातत्त्व विभाग ने एक और नया दुष्प्रचार करना शुरू किया 1873-74 के पृष्ठ क्रमांक 58 (संलग्न क्रमांक 4) में भी | कि बड़े बाबा की मूर्ति के 12 टुकड़े कर दिये गये हैं तथा वर्णित है, इसलिए कोई आपत्ति नहीं की गई।
इतने बड़े षड्यंत्रकारी झूठ को पूरे भारतवर्ष में प्रचारित अहिंसात्मक जैन समाज ने हमेशा कानून का अक्षरशः
| किया जा रहा है। मैं आपको जो सीडी उपलब्ध करा रहा हूँ, पालन किया है व हमेशा करता रहेगा। समिति के द्वारा | उसमें बड़े बाबा की पुराने स्थान की पूरी फोटो ग्राफी बारीकी दिनांक 05/01/06 को श्री के. के. मोहम्मद, अधीक्षक केन्द्रीय | से प्रस्तुत की गई है, जिसमें बहुत ही स्पष्ट है कि बड़े बाबा परातत्त्व विभाग भोपाल मण्डल को उनके भोपाल स्थित | की मूर्ति की क्या स्थिति थी। श्री बड़े बाबा मंदिर निर्माण कार्यालय में जाकर श्री बड़े बाबा जी की मूर्ति के नये मंदिर | समिति को आप सभी को आमंत्रित कर इस सच्चाई को में स्थानांतरण की अनुमति बावत एक 5 पेज का विस्तृत पत्र | प्रमाण के साथ बतलाने तथा सत्य को पूरे भारतवर्ष में (संलग्न क्रमांक 8) भी दिया था, जिस पर माननीय के. के. | प्रसारित करने के लिए यह वार्ता आयोजित करनी पड़ी है। मोहम्मद साहब से विस्तृत चर्चा भी हई थी तथा उनसे विगत | पुरातत्त्व विभाग जिस मूर्ति के संरक्षण की बात करता है, लम्बे समय से इस सम्बन्ध में हो रहे पत्राचार, उन पर | उसे यह भी नहीं मालूम कि बड़े बाबा की मूर्ति सिर्फ एक विभाग की अनदेखी तथा स्थानान्तरण शीघ्र अनुमति बावत | शिला में थी तथा पुराने मंदिर में पीछे की दीवार में बड़े बाबा निवेदन भी किया था. किन्त इस सब के बावजद दिनांक 15| के चारों ओर लगी अन्य मूर्तियाँ व नीचे का सिंहासन सभी जनवरी 06 को दमोह जिले के माननीय कलेक्टर महोदय | अलग-अलग समय में पत्थरों पर बनाकर पीछे की दीवार संपूर्ण शासकीय अमले, पुलिस फोर्स तथा पुरातत्त्व विभाग | में लगायी गयीं थी तथा वे निम्नानुसार रही हैं- मध्य में बड़े के अधिकारी, जिनका स्थानान्तरण हो चुका था, सबको | बाबा की प्रतिमा, दायें और बायें 23 वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ साथ लेकर कुण्डलपुर पहुँच गये। कुण्डलपुर जी में 5 भगवान की खड्गासन प्रतिमायें (नग 2), बड़े बाबा के करोड़ 51 लाख मंत्रों की जाप का अनुष्ठान चल रहा था। उपर 1 पत्थर का छत्र, बड़े बाबा के कन्धे की ऊँचाई के इन जापों का अनुष्ठान पूर्व में पूरे भारत वर्ष में जैन समाज | दोनों तरफ दो पुष्पवृष्टि, बड़े बाबा के पद्मासन के दोनों के द्वारा भिन्न-भिन्न पूजा स्थलों पर लम्बे समय से जारी था। तरफ दो चॅवरधारी, नीचे का सिंहासन में जो (Random उसी की कडी में यह जाप अनुष्ठान कण्डलपर में आयोजित | Rubble) मैसेनरी का बना था, क्लेडिग किये हुए भगवान था। माननीय कलेक्टर महोदय ने वहाँ पर उपस्थित जैन | ऋषभदेव के गौमुखी यक्ष एवं चक्रेश्वरी देवी तथा दो सिंह समुदाय के समक्ष एक भय का वातावरण निर्मित कर | की आकृतियां थीं, जो बड़े बाबा के चारों तरफ उनके दिया, उन्होंने हमारे धर्म गुरु,आचार्यों के प्रति अमर्यादित भाषा | परिकर के रूप में जैन मान्यताओं के अनुसार लगायी गयी का उपयोग किया। यहाँ तक कि पूरे कुण्डलपुर क्षेत्र में | थीं। प्रमाण स्वरूप मैं आपको बड़े बाबा के स्थानांतरण के पैरामिलेट्री फोर्स को नियुक्त कर देने की बात कही। उपस्थित | पूर्व के फोटो ग्राफ तथा वर्तमान में बड़े बाबा के नये मंदिर जैन समुदाय जो जाप अनुष्ठान में अपनी धार्मिक भावनाओं | गर्भालय के फोटो ग्राफ भी प्रस्तुत कर रहा हूँ तथा इसी के साथ पूज्य बड़े बाबा से विश्वशांति की मनोकामना कर | गर्भालय में बड़े बाबा का पूरा का पूरा परिकर पूर्व की तरह रहा था, कलेक्टर महोदय के द्वारा निर्मित वातावरण से घबरा ही शोभायमान होगा। गया। यह समाचार आग की तरह पूरे हिन्दुस्तान में फैल ___ साथियो, यहाँ यह भी बताना बहुत आवश्यक है कि गया। रातों-रात बड़े बाबा के प्रति आस्था रखनेवाली | पुरातत्त्व विभाग के द्वारा संस्कृति की रक्षा करने का जो दावा महिलाओं, पुरुषों, बच्चों और बुर्जुगों का बहुत बड़ा सैलाब किया जा रहा है, वास्तविकता में वह कार्य कुण्डलपुर सिद्ध कुण्डलपुर में एकत्रित हो गया और बड़े बाबा जी की प्रतिमा क्षेत्र में बड़े बाबा के विशाल मंदिरनिर्माण द्वारा किया जा रहा पुराने मंदिर से निकाल कर नये मंदिर में स्थापित कर दी | है। बड़े बाबा का नया भव्य निर्माणाधीन मंदिर वंशी पहाड़पुर गई। यह भी एक चमत्कार था कि बड़े बाबा को जैसे ही | पत्थर पर अनूठी नक्काशी के साथ 171 फीट ऊँचाई का पुराने मंदिर से निकाला गया पुराना मंदिर स्वयमेव धराशायी | शिखर, 2 विशाल गुण व नृत्य मंडप, अक्षरधाम की तर्ज पर 8 /मार्च 2006 जिनभाषित
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