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[ ३३ ] स्थान दर्शनीय है । हिन्दुओं का भी यह महान तीर्थ हैं । इलाहाबाद से कौशाम्बी और पफोसा जी के दर्शन करने जाया जाता है। यह अद्मप्रभु भ० से सम्बन्धित तीर्थ है प्रभासक्षेत्र नामक पहाड़ पर .. एक प्राचीन जिन-मन्दिर हैं।
कौशाम्बी (कोसम) . प्राचीन कौशाम्बी नगर इलाहाबाद से २५ मील है। यहां तक बस जाती है। कौशाम्बी से नाव द्वारा पफोसा ६ मील पड़ता है। कौशाम्बी में पद्मप्रभु भ० के गर्भ-जन्म तथा पफौसा में तप
और ज्ञान कल्याणक हुये थे। यहां का ऊदायन राजा प्रसिद्ध था, जिसके समय में यहां जैनधर्म उन्नति शील था। कोसम की खुदाई में प्राचीन जैन मूर्तियां मिली हैं। यहाँ से वापस इलाहाबाद पहुंच कर लखनऊ जावे।
लखनऊ लखनऊ का प्राचीन नाम लक्ष्मणपुर है। स्टेशन के पास श्री मुन्नालाल जी कागजी की धर्मशाला है। यहां कुल ६ मन्दिर हैं, जिनके दर्शन करना चाहिए। यहां कई स्थान देखने योग्य हैं। कैसर बाग में प्रांतीय म्यूजियम में कई सौ दिगम्बर जैन मूर्तियां हैं । जैन मूर्तियों का ऐसा संग्रह शायद ही अन्यत्र कहीं हो । लखनऊ से फैजाबाद जावे। यहां से ४ मील बस, रिक्शा या तांगे में अयोध्या जावें।
अयोध्या अयोध्या जैनियों का आदि नगर और आदि तीर्य है। यहीं पर आदि तीर्थङ्कर ऋषभदेव जी के गर्भ व जन्म कल्याणक हुये थे। यहीं पर उन्होंने कर्मभूमि की प्रादि में सभ्य और सुसंस्कृत जीवन बिताना सिखाया था- मनुष्यों को कर्मवीर बनने का पाठ सबसे पहले यहीं पढ़ाया गया था। राजत्व की पुण्य प्रतिष्ठा भी