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४/३ जन्म व जीव समास
(१) जन्म कितने प्रकार का होता है ?
तीन प्रकार का-उपपाद जन्म, गर्भ जन्म, सम्मूर्छन जन्म । (२) उपपाद जन्म किसको कहते हैं ?
जो जीवों की उपपाद शय्या तथा नारकियों के योनिस्थान में पहुँचते ही अन्तर्मुहूर्त में ही पूर्णावस्था को प्राप्त हो जायें, उस
जन्म को उपपाद जन्म कहते हैं। (३) गर्भ जन्म किसको कहते हैं ?
माता पिता के शोणित शुक्र से जिनका शरीर बने, उनके जन्म
को गर्भ जन्म कहते हैं। (४) सम्मर्छन जन्म किसको कहते हैं ?
जो माता पिता की अपेक्षा के बिना इधर उधर के परमाणुओं को शरीर रूप परिणमावे, उसके जन्म को सम्मूर्च्छन जन्म
कहते हैं। ५. गर्भ जन्म कितने प्रकार का होता है ?
तोन प्रकार का-जरायुज, अण्डज व पोतिज । (६) किन किन जीवों के कौन कौन सा जन्म होता है ?
देव नारकियों के उपपाद जन्म ही होता है, जरायुज, अण्डज व पोतज (मनुष्य तिर्यंच) जीवों के गर्भ जन्म ही होता है, और
शेष जीवों के सम्मूर्च्छन जन्म ही होता है। ७. जरायुज, अण्डज और पोतज जीव कौन से होते हैं ?
जो जेर या झिल्लिमें लिपटे हुए उत्पन्न हों वे जरायुज हैं, जैसे