Book Title: Jain Siddhanta Sutra
Author(s): Kaushal
Publisher: Deshbhushanji Maharaj Trust

View full book text
Previous | Next

Page 381
________________ एनय प्रमाण ३-य अधिकार २२. वस्तु स्वरूप, रत्नत्रय, समयग्दर्शन, सम्यक्चारित्र, व्रत व तप इन विषयों पर निश्चम व्यवहारनय लागू करो, दोनों में साध्या साधन भाव दर्शाओ, दोनों का परस्पर अविनाभाव दर्शा. कर समन्वय करो। -इति सम्पूर्णम

Loading...

Page Navigation
1 ... 379 380 381 382 383 384 385 386