Book Title: Jain Jagaran ke Agradut
Author(s): Ayodhyaprasad Goyaliya
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 7
________________ लेखक पृष्ट [ तत्त्वज्ञानके आलोक-स्तम्भ ] संस्मरण ७. गुरु गोपालदास वरैया मेरी तीर्थयात्रा गोयलीय १४० उनकी सीख महात्मा भगवानदीन १४५ परिचय पं० नाथूराम प्रेमी १५० आजन्म नहीं भूल सकता क्षुल्लक गणेशप्रसाद वर्णी १६३ ८. परिडत उमरावसिंह न्यायतीर्थ उनका वरदान गोयलीय १६६ मेरे गुरु प० कलागचन्द्र शास्त्री १७२ ६. पण्डित पन्नालाल बाकलीवाल जैन समाजके विद्यासागर श्री धन्यकुमार जैन १८६ १०. पण्डित ऋपभदास ___ गदडीमे लाल बाबू सूरजभान वकील १६२ ११. परिडत महावीरप्रसाद धर्म-स्नेहसे ओत-प्रोत गोयलीय १६८ १२. परिडत अरहदास क्या खूब आदमी थे गोयलीय २०४ सेवाभावी श्री रूपचन्द्र गार्गीय १३. पण्डित जुगलकिशोर मुख्तार पथ-चिह्न श्री कन्हैयालाल प्रभाकर • २०० यह तपस्वी गोयलीय १४. परिडत नाथूराम प्रेमी मेरा सद्भाग्य श्री जैनेन्द्रकुमार २४० मेरे दादा स्व० हेमचन्द्र मोदी २४५ स्मरणाध्याय आचार्य पं० सुखलाल संघवी २६४ २०५ २२५

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