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पं० अर्जुनलालजी सेठी बी. ए.।
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गतवर्ष इन्दौरके नामी रईस रायबहादुर सेठ कल्याणमलजीने दो लाख रुपयोंका दान करके इन्दौरमें एक जैन हाईस्कूल खोलना चाहा
और उसकी नीव जमाकर कुछ समय तक स्कूलको अच्छे ढंगसे चला देनेके लिए सेठीनीसे प्रार्थना की। उन्होंने कुछ समयके लिए यह कार्य करना स्वीकार भी कर लिया। करते क्यों नहीं, उनके जीवनका तो उद्देश्य ही शिक्षाप्रचार है। गतमार्चमें वे उक्त स्कूलको आदर्शरूपमें स्थापित करनेकी तैयारी कर ही रहे थे कि अचानक गिरिफ्तार कर लिये गये। पहले देहलीके षड़यंत्रके मामलेमें देहली लाये गये; परन्तु सुबूत न मिलनेसे थोड़े ही दिनोंमें छोड़ दिये गये। इसके बाद ही न जाने फिर क्यों पकड़ लिये गये और कुछ दिनों इन्दौरमें रक्खे जाकर जयपुर भेज दिये गये । तबसे अबतक वे जयपुरकी जेलमें सड़ रहे हैं । यह नहीं बतलाया जाता है कि उन्होंने क्या अपराध किया है।
देखें जैनसमाजके शुभदिन कब आते हैं और कब वह फिरसे ऐसे महात्मा, उदारहृदय, स्वार्थत्यागी सच्चे सेवकको प्राप्त कर उन्नतिके पथ पर अग्रसर होता है।
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