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करेगा तो उसको राज्यदंड मिलेगा और वह बिरादरीसे च्युत कर दिया जायगा। कई चीनीप्रवासी भारतवर्षमें यात्रा करने आये थे। क्यो कि चीनीलोग बौद्धधर्मानुयायी है और भारतवर्ष उनके पूज्यदेव शाक्यमुनि गौतमबुद्धका जन्मस्थान है । उन्होंने बौद्ध स्तूपोंपर अपने भ्रमण और कालसम्बन्धी अनेक लेख लिखवाये थे जो बड़े महत्त्वके है। गौतम बुद्धके जन्मस्थान पर महाराजा अशोकका एक लेख है जो यह सूचित करता है कि बुद्धदेवकी जन्मभूमि वही है। ___ कुछ लेख सर्वथा ऐतिहासिक दृष्टिसे लिखे हुए मालूम होते है । जैनधर्मानुयायी महाराजा खारवेलका हाथीगुम्फा नामक गुफापर एक लेख है जिसमें उक्त महाराजके राजत्व कालके प्रथम १३ वर्षकी घटनाओका संक्षिप्त वर्णन है। यह लेख इतिहासके लिए बड़े महत्त्वका है । इलाहावादके अशोक-स्तंभ पर महाराज समुद्रगुप्तका भी एक लेख है जिससे उनके राज्यका अच्छा ज्ञान प्राप्त हो गया है । जूनागढ़के दो लेखोंमें सुदर्शन नामक झीलके दो बार मरम्मत होनेका उलेख है । मन्दार पर्वतके एक लेखमें एक तालके बननेका उल्लेख है। मैसूरमें बेलतूरके एक लेखमें एक स्त्रीके सती होनेका उल्लेख है। यहीं पर एक और लेख है जिसमें गगदेश पर चोलवशीय राजेन्द्र प्रथमकी विजयका वर्णन है। कांचीके लेखोंसे ज्ञान होता है कि चोलाराज्य अंतमें विजयनगरके राज्यमें मिल गया। अमरावती स्तूपके लेखोंसे आंध्रवंशका पता चलता है। तक्षशिलामे डॉ० मारशलको ५०० से आधक सिक्के मिले हैं जिनसे कई राजाओके कालनिर्णय होनेकी संभावना है।
४. उपयोगिता । उपर्युक्त लेख केवल उदाहरणार्थ दिये गये है। इनकी संख्या तो हजारों पर है । यह जान कर कि उनमें क्या लिखा है यह आसानीसे